कांग्रेस को इस्तीफा स्वीकार करने में लगे ढाई महीने : मोदी

पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस को एक विफल गांधी का इस्तीफा स्वीकार करने में ढाई महीने लगे. किसी गैर-गांधी को कमान सौंपने की प्रचारित इच्छा के बावजूद इसने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया. वह आजीवन भी इस पद पर रह सकती हैं, क्योंकि पूर्वकालिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2019 5:26 AM

पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस को एक विफल गांधी का इस्तीफा स्वीकार करने में ढाई महीने लगे. किसी गैर-गांधी को कमान सौंपने की प्रचारित इच्छा के बावजूद इसने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया. वह आजीवन भी इस पद पर रह सकती हैं, क्योंकि पूर्वकालिक अध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई समय सीमा ही नहीं तय की गयी है.

कांग्रेस में अब केवल अंतरिम लोकतंत्र बचा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 17वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा. उनकी ही टीम ने टुकड़े-टुकड़े गैंग के इशारे पर देशद्रोह और तीन तलाक पर रोक जैसे कानून खत्म करने का वादा घोषणा पत्र में शामिल किया था.
देश भक्त जनता ने राहुल गांधी की नीयत को नाकाम करने के लिए कांग्रेस को बुरी तरह पराजित किया, लेकिन कार्यसमिति के प्रस्ताव में हार के जिम्मेदार राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उनके अद्वितीय नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता प्रकट की गयी.
व्यक्ति केंद्रित पार्टी खुद अपने पतन का प्रस्ताव लिखती है और दोष इवीएम पर मढ़ती है. उन्होंने कहा कि 132 साल की कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के लोग इतने लंबे समय तक संगठन पर थोपे जाते रहे और परिवार से बाहर के नेतृत्व को इस तरह अपमानित कर हटाया जाता रहा कि अब यह दल केवल एक परिवार के साथ रह कर अपना वजूद बचा सकता है.
कांग्रेस अब सभी वातावरण में नहीं, सिर्फ एक साफ तरह के पानी में जिंदा रहने वाली मछली जैसी हो गयी है, जो संगठन इतना पराश्रित हो गया, वह सवा करोड़ देशवासियों की चिंता क्या करेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी परिवार से बाहर के पीवी नरसिंह राव या डॉ. मनमोहन सिंह के योगदानों को ऐसे भावपूर्ण शब्दों में याद नहीं किया.
कार्यसमिति ने भारतरत्न मिलने पर भी प्रणब मुखर्जी को बधाई नहीं दी. परिवारवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति का निगेटिव आइकॉन बन चुकी कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगने और अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तानी सुर में बोलने के कारण मुंह दिखाने लायक नहीं रही.

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