ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए केंद्र ने दिये 82.70 लाख

पटना : प्रदेश में आॅर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए आइजीआइएमएस में स्टेट ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) को बेहतरीन बनाया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने आइजीआइएमएस को 82.70 लाख रुपये दिये हैं. रुपये मुहैया कराने का पत्र संस्थान में रविवार को प्राप्त हो गया. ऐसे में परिसर में स्थापित स्टेट ऑर्गन टिश्यू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2019 8:02 AM

पटना : प्रदेश में आॅर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए आइजीआइएमएस में स्टेट ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) को बेहतरीन बनाया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने आइजीआइएमएस को 82.70 लाख रुपये दिये हैं. रुपये मुहैया कराने का पत्र संस्थान में रविवार को प्राप्त हो गया. ऐसे में परिसर में स्थापित स्टेट ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन को और बेहतर किया जायेगा. लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बनायी गयी ऑपरेशन थियेटर को माड्यूलर ओटी, उपकरण आदि में रुपये खर्च होंगे.

आॅर्गन ट्रांसप्लांट में नहीं आयेगी कोई समस्या : विशेषज्ञों ने बताया कि एक राज्य में एक ही सोटो का गठन होता है. इसका मुख्य केंद्र आइजीआइएमएस को बनाया गया है. लेकिन यहां केंद्र से रुपये नहीं आने की वजह से सोटो का कार्य रुक गया था. जानकारों का कहना है कि झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी, बंगाल, गुजरात आदि राज्यों में सोटो को रुपये दिये जा रहे थे. रुपये आवंटन करने को लेकर आइजीआइएमएस प्रशासन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा. इसके बाद 2019-20 के लिए रुपये भेजे गये हैं.
वहीं अब सोटो के विकसित होने के बाद आॅर्गन ट्रांसप्लांट में कोई समस्या नहीं आयेगी. एक स्टेट से दूसरे स्टेट व एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में आसानी से आर्गन बेरोक टोक पहुंच सकता है. संस्थान के डॉक्टरों का कहना है कि सोटो को विकसित करने के लिए हर तीन महीने में केंद्र को रुपये का हिसाब देना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सोटो को विकसित करने और आर्गन ट्रांसप्लांट में कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए केंद्र ने संस्थान को 82 लाख 70 हजार रुपये दिये हैं. इसमें 25 लाख रुपये लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर को अपग्रेड करने, 24 लाख 70 हजार रुपये टिश्यू मैचिंग मशीन और 33 लाख रुपये सोटो के ऑफिस, ओटी व टिश्यू ट्रांसप्लांट को विकसित करने के लिए खर्च करने हैं. हर तीन महीने में खर्च का हिसाब केंद्र सरकार को देना है.
डाॅ मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, अाइजीआइएमएस

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