गांव के हर घर का वेस्टेज पानी होगा संरक्षित
पटना : पीएचइडी गांव के वेस्टेज पानी को स्टोर कर वापस जमीन में भेजने के लिए हर ब्लॉक में एक-एक सोख्ता का निर्माण करेगा. यह सोख्ता गांव के बाहर एक जगह पर बनाया जायेगा, जहां गांव के घरों से निकलने वाले पानी को जमा किया जायेगा. इसका निर्माण कार्य मार्च 2020 तक पूरा कर लिया […]
पटना : पीएचइडी गांव के वेस्टेज पानी को स्टोर कर वापस जमीन में भेजने के लिए हर ब्लॉक में एक-एक सोख्ता का निर्माण करेगा. यह सोख्ता गांव के बाहर एक जगह पर बनाया जायेगा, जहां गांव के घरों से निकलने वाले पानी को जमा किया जायेगा. इसका निर्माण कार्य मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा और इसकी लंबाई और चौड़ाई गांव की आबादी के मुताबिक होगा. विभाग ने गांव में जगह चयन करने के लिए इंजीनियरों को जिम्मेदारी सौंप दिया है.
गर्मी में वाटर लेबर कम होने के बाद लिया गया निर्णय: गर्मी में लगभग जिलों में पानी की दिक्कत आयी है. कई ब्लॉक क्रिटिकल ब्लॉक
घोषित किये गये. कई जिलों के पंचायतों में वाटर लेवल कम होने के बाद
टैंकर से पानी पहुंचाया गया.
इसके बाद ही विभागीय बैठक में सोख्ता बनाने का निर्णय लिया गया, ताकि वाटर
लेवल ठीक रहे. गौरतलब है कि
इस साल वैशाली, सारण, समस्तीपुर और दरभंगा जिला भी पेयजल संकट वाले जिलों में शामिल हो गया है.
अस्तित्व में दोबारा आयेंगे पइन व आहर
बिहार के सभी जिलों में पूर्व से आहर पइन जो
खत्म हो गये है उनको दोबारा अस्तित्व में आने की कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. तालाब एवं जल निकायों की उड़ाही की ओर कार्य शुरू किया गया है. पीएचइडी व लघु जल संसाधन विभाग तालाब, कुआं की उड़ाही कर रहा है और लगभग 130 कुएं की उड़ाही कर ली गयी है.
पानी का लेवल कम न हो
गर्मी के मौसम में ऐसे जिलों में जलस्तर
गिर गया, जहां कभी वाटर लेवल नहीं कम
होता है. ऐसे में गांव के वेस्टेज पानी को सोख्ता के माध्यम से पानी को वापस जमीन में भेजा
जायेगा, ताकि पानी का लेवल कम नहीं हो.
विनोद नारायण झा, मंत्री, पीएचइडी