गिरती अर्थव्यवस्था पर पर्दा डालने की कोशिश

पटना : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर भारी हमला बोला है. पटना में पार्टी की दो दिवसीय बैठक के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू व कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाये जाने से भारी असंतोष है. संसद के बीते सत्र में सरकार ने एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2019 2:58 AM

पटना : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर भारी हमला बोला है. पटना में पार्टी की दो दिवसीय बैठक के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू व कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाये जाने से भारी असंतोष है.

संसद के बीते सत्र में सरकार ने एक के बाद कई बिल पारित किये. जिस पर बहुत चर्चा नहीं हुई. यदि अनुच्छेद 370 को खत्म ही करना था, तो उसके तरीके भी संविधान में बताये गये हैं. इसे कश्मीर की विधानसभा से पास होना चाहिए था. कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है.
इसलिए पहला काम वहां विधानसभा का चुनाव करवाना था. उन्होंने कहा कि अब कहा जा रहा है कि कश्मीर में सबकुछ ठीक है. यह भी पूरी तरह झूठ है. अभी चार लोगों की टीम कश्मीर गयी थी. प्रख्यात अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज व भाकपा-माले की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन उसमें शामिल थे.
दिल्ली मे उन्होंने अपनी रिपोर्ट जारी की है. कश्मीर में स्थिति सामान्य होने की बात झूठ है. लोग बहुत परेशान हैं. लोग अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं. अवसर पर राज्य सचिव कुणाल और पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा व राजाराम सिंह, कार्यालय सचिव कुमार परवेज शामिल थे.
ये बातें भी कहीं
– तीन तलाक को अपराध बताकर जो एक्ट पारित किया गया, वह न्याय प्रणाली व मुस्लिम समुदाय के लिए खतरनाक संकेत हैं. इंडियन वीमेन एक्ट की ज्यादा जरूरत थी जो वास्तव में इस देश की महिलाओं की जरूरत है. लेकिन सरकार ने ऐसा न करके एक सांप्रदायिक चाल चली है.
– हाल के दिनों में कश्मीर का मुद्दा सामने लाकर देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है. निजीकरण के चलते बहुत पैमाने पर छंटनी हो रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है. बेरोजगारी बढ़ रही है. शिक्षा नीति कम और छात्रों को शिक्षा से बाहर करने की पॉलिसी ज्यादा है.
इस कार्यक्रम का आयोजन होगा :
– बाढ़-सूखाड़, भूमि अधिकार, पक्का मकान आदि सवालों पर नौ अगस्त से सात नवंबर तक ग्राम सभाएं आयोजित की जायेगी, गांव-गांव में बातचीत होगी. पंचायत, प्रखंड और जिला मुख्यालय पर धारावाहिक आंदोलन चलेगा.
– अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर से 27-29 अगस्त को बिहार के सभी ब्लॉक पर धरना दिया जायेगा. बिहार को अकाल ग्रस्त घोषित करने की मांग प्रमुखता से उठायी जायेगी.

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