पटना : डॉ शकील अहमद व भावना झा का अभी तक नहीं समाप्त हुआ निलंबन

प्रदेश कांग्रेस की सिफारिश को तवज्जो नहीं दे रहा आलाकमान पटना : लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन का विरोध कर खुद प्रत्याशी बने एआइसीसी के महासचिव डा शकील अहमद और विधायक भावना झा का निलंबन अभी तक समाप्त नहीं हुआ है. विधानमंडल दल के अनुरोध के बाद भी दोनों नेता अभी तक पार्टी से बाहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2019 8:28 AM
प्रदेश कांग्रेस की सिफारिश को तवज्जो नहीं दे रहा आलाकमान
पटना : लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन का विरोध कर खुद प्रत्याशी बने एआइसीसी के महासचिव डा शकील अहमद और विधायक भावना झा का निलंबन अभी तक समाप्त नहीं हुआ है. विधानमंडल दल के अनुरोध के बाद भी दोनों नेता अभी तक पार्टी से बाहर हैं.
सोनिया गांधी के पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश नेताओं को उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय होगा और दोनों नेता फिर से पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभायेंगे. लोकसभा चुनाव में मधुबनी सीट महागठबंधन के खाते में वीआइपी पार्टी को चली गयी थी. उसके प्रत्याशी बद्री पूर्वे महागठबंधन के प्रत्याशी घोषित किये गये थे. महागठबंधन प्रत्याशी के विरोध में डा शकील अहमद ने स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया और चुनाव भी लड़े.
पार्टी के नीतियों के विरोध का उनको खामियाजा भुगतना पड़ा. सोनिया गांधी के कार्यकाल में डाॅ शकील अहमद एआइसीसी के महासचिव व पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. इधर महागठबंधन प्रत्याशी के विरोध को लेकर उनके खिलाफ तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकायत की गयी थी. इसके बाद डाॅ अहमद को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.
विधायक भावना झा पर आरोप था कि उन्होंने कांग्रेस का विरोध करनेवाले प्रत्याशी डाॅ शकील अहमद के लिए पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम किया था. उन्होंने महागठबंधन प्रत्याशी की जगह शकील अहमद के लिए चुनाव प्रचार किया था. दूसरी ओर चुनाव बाद प्रदेश कांग्रेस दोनों निलंबित नेताओं के बचाव में उतर पड़ी.

Next Article

Exit mobile version