पटना :यूजीसी के नियमों का उल्लंघन कर रहा पीपीयू

अमित कुमार आवेदन लेने से पहले राजभवन से नहीं लिया गया कोई दिशा-निर्देश पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) के द्वारा पीएचडी के लिए जो आवेदन लिये जा रहे हैं, उसमें यूजीसी के नियमों की खुली अनदेखी की जा रही है. यह आवेदन सिर्फ एमयू से पीआरटी (प्री-पीएचडी टेस्ट) उतीर्ण छात्रों के लिए लिया जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2019 9:09 AM
अमित कुमार
आवेदन लेने से पहले राजभवन से नहीं लिया गया कोई दिशा-निर्देश
पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) के द्वारा पीएचडी के लिए जो आवेदन लिये जा रहे हैं, उसमें यूजीसी के नियमों की खुली अनदेखी की जा रही है. यह आवेदन सिर्फ एमयू से पीआरटी (प्री-पीएचडी टेस्ट) उतीर्ण छात्रों के लिए लिया जा रहा है, जबकि दूसरे विवि के टेस्ट व कोर्स वर्क से कोई दूसरा विवि पीएचडी करा सकता है या नहीं इस संबंध में राजभवन से कोई दिशा निर्देश नहीं लिया गया. उक्त मामले में विवि ने स्वयं ही निर्णय ले लिया. दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर की यूजीसी नेट-जेआरएफ उतीर्ण छात्रों को भी इसमें दर किनार कर दिया गया.
यह यूजीसी के नियम के खिलाफ है, क्योंकि जब भी मेरिट लिस्ट तैयार होगा उसमें नेट-जेआरएफ को शामिल करना अनिवार्य है. इस तरह नेट-जेआरएफ छात्रों का हक भी मारा जा रहा है.
क्या है तकनीकी पेच : जो आवेदन विवि के द्वारा मांगा जा रहा है उसमें कई तरह के तकनीकी पेच हैं, ऐसे में विवि राजभवन से दिशा निर्देश लेती है लेकिन राजभवन से इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं लिया जाना मंशा पर सवाल खड़ी करती है. इससे आगे चलकर उन छात्रों का भविष्य दांव पर लग सकता है जो इसके तहत आवेदन करेंगे और पीएचडी के लिए रजिस्टर्ड हो जायेंगे. आगे चलकर उनकी डिग्री भी अवैध हो सकती है. क्योंकि इन छात्रों का न सिर्फ पीआरटी ही एमयू से बल्कि इन्होंने कोर्स वर्क भी एमयू से ही किया है. चूंकि अब विवि अलग हो चुके हैं.
नेट-जेआरएफ शामिल किये भी गये, तो कराना होगा कोर्स वर्क : अब फिर यहां सवाल उठता है कि अगर पीपीयू नेट-जेआरएफ को शामिल भी करती है तो उनका फिर से साक्षात्कार व छह महीने का कोर्स वर्क कराना होगा. मतलब एक ही बैच में एक साक्षात्कार व कोर्स वर्क दूसरी यूनिवर्सिटी से
और दूसरा साक्षात्कार व कोर्स वर्क पीपीयू से. हालांकि विवि ने अभी नेट-जेआरएफ को शामिल नहीं किया है. लेकिन करता है तो इस संबंध में भी राजभवन से दिशा निर्देश जरूरी है, कि वे ऐसा कर सकते हैं या नहीं. ऐसे में पीएचडी कितना वैलिड होगा इसमें संशय की स्थिति है.
वर्तमान में जो वेकेंसी है वह सिर्फ एमयू के छात्रों के लिए हैं. लेकिन, उन्हें एमयू से नो आॅब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा. जब पीपीयू पैट लेगी, तब नेट-जेआरएफ के छात्रों को भी आवेदन का मौका दिया जायेगा. उन्हें पैट नहीं देना होगा.
प्रो बीके मंगल, पीआरओ, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय

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