पटना : आइजीआइएमएस जानेगा स्टूडेंट्स की मनोवृत्ति
स्टूडेंट्स की परेशानियों को देखते हुए किया जा रहा अध्ययन पटना : राजधानी के स्टूडेंट्स के मनोवृत्ति में आ रहे बदलाव की समस्या से हर दूसरा घर जूझ रहा है. अस्पतालों के मनोविज्ञान विभाग में लगातार आ रही शिकायतों के बाद अब इसके समग्र अध्ययन की पहल शुरू हो गयी है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान […]
स्टूडेंट्स की परेशानियों को देखते हुए किया जा रहा अध्ययन
पटना : राजधानी के स्टूडेंट्स के मनोवृत्ति में आ रहे बदलाव की समस्या से हर दूसरा घर जूझ रहा है. अस्पतालों के मनोविज्ञान विभाग में लगातार आ रही शिकायतों के बाद अब इसके समग्र अध्ययन की पहल शुरू हो गयी है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ने इस समस्या को लेकर अध्ययन की शुरुआत की है. अस्पताल की ओर से विभिन्न स्कूलों में स्टूडेंट्स के मानसिक के साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य की स्थितियों पर सर्वे किया जा रहा है.
केंद्रीय विद्यालय बेली रोड से इसकी शुरुआत की गयी है. इस अध्ययन में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि समस्या के पीछे क्या कारण हैं?
क्या मनोवृत्ति के आक्रामक होने के पीछे कोर्स का बोझ है या फिर तकनीक का दुष्प्रभाव? क्या स्कूली बच्चे सुबह-सवेरे उठने के कारण तो परेशान नहीं हो रहे हैं, या फिर कहीं आक्रामकता के पीछे उनकी नींद का नहीं पूरा होना तो कारण नहीं है? इसके साथ ही उनके शारीरिक स्वास्थ्य का भी अध्ययन किया जा रहा है. इसमें सामान्य शारीरिक समस्या, पुरानी बीमारियां, हड्डी से जुड़ी परेशानी शामिल है.
आइजीआइएमएस के चिकित्सा पदाधिकारियों ने बताया कि हम यह जानना चाहते हैं कि मूल समस्या क्या है? कहीं बीमार होने की वजह से तो बच्चे परेशान नहीं हो रहे हैं. इधर, अस्पताल के इस पहल की केंद्रीय विद्यालय संगठन ने प्रशंसा की है. केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि अस्पताल की यह पहल काबिले तारीफ है. हम इस कार्य में पूरा सहयोग दे रहे हैं, इससे बच्चाें के मानसिक विकास में सहायता मिलेगी.
इन सवालों को जानने की होगी कोशिश
– बच्चों की आक्रामक मनोवृत्ति के पीछे क्या मूल कारण हैं?
– क्या मनोवृत्ति के अाक्रामक होने के पीछे कोर्स का बोझ है?
– कहीं तकनीक के दुष्प्रभाव के कारण तो वे आक्रामक नहीं हो रहे?
– कहीं स्कूली बच्चे सुबह-सवेरे उठने के कारण तो परेशान नहीं हो रहे हैं?
– कहीं आक्रामकता के पीछे उनकी नींद का नहीं पूरा होना तो कारण नहीं है?