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नगर निगम के पास संसाधन की कमी, कैसे हटायेंगे खटाल

पटना: आवासीय कॉलोनियों से खटाल हटाने और आवारा पशुओं से मुक्त कराने को लेकर हाइकोर्ट बार-बार निगम प्रशासन को फटकार लगाता है. फटकार के बाद निगम प्रशासन अभियान भी चलाता है, लेकिन कुछ समय बाद स्थिति वही हो जाती है. वजह है कि निगम प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है. सही मॉनीटरिंग नहीं होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2014 5:00 AM

पटना: आवासीय कॉलोनियों से खटाल हटाने और आवारा पशुओं से मुक्त कराने को लेकर हाइकोर्ट बार-बार निगम प्रशासन को फटकार लगाता है. फटकार के बाद निगम प्रशासन अभियान भी चलाता है, लेकिन कुछ समय बाद स्थिति वही हो जाती है. वजह है कि निगम प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है.

सही मॉनीटरिंग नहीं होने से अतिक्रमण करनेवालों को मौका मिलता है. हाइकोर्ट ने खटाल हटाने से संबंधित रिपोर्ट मांगी, तो निगम प्रशासन ने कई इलाकों से खटाल मुक्त करने की रिपोर्ट दे दी. इस रिपोर्ट को हाइकोर्ट ने सही नहीं माना. इस मामले में एक-दो अगस्त को फिर सुनवाई होगी.

हाइकोर्ट के आदेश पर नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने निर्देश दिया कि पशुओं को जब्त कर खटाल संचालकों से जुर्माना वसूल करें, लेकिन इस काम के लिए भी प्रशासन के पास संसाधन की कमी है. पशु पकड़ने के लिए गाड़ी व रखने की व्यवस्था नहीं है. खटाल से जब्त पशुओं को पैदल ही नूतन राजधानी अंचल कार्यालय पहुंचाया जाता है. इस स्थिति में आवासीय कॉलोनियों से खटाल हटाने में लंबा वक्त लग जायेगा.

विरोध की आशंका : खटाल हटाने के लिए गठित टीम भी विरोध होने के भय से सहमी रहती है. वाहनों के अभाव में पर्याप्त संख्या में पुलिस भी नहीं रहती है. पशुओं को ले जाने के लिए भी वाहन नहीं हैं. स्थिति में खटाल संचालक अधिकतर पशुओं को भगा ले जाते हैं. जब्त पशुओं को ले जाने के दौरान नोक -झोंक की भी आशंका रहती है.

इन इलाकों में चल रहे खटाल
राजीव नगर, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी, महेश नगर, इंद्रपुरी, शिवपुरी, बसावन पार्क के आस-पास, गर्दनीबाग, जक्कनपुर, चांदमारी रोड, मीठापुर, राजेंद्र नगर, कदमकुआं, मछली गली, पूर्वी-पश्चिमी लोहानीपुर,अनिसाबाद,एजी कॉलोनी, आनंदपुरी, मैनपुरा, मुसल्लहपुर, अशोक नगर, हनुमान नगर, एसपी वर्मा रोड, एग्जीबिशन रोड, दरियापुर, बाकरगंज, जगत नारायण रोड व लोहिया नगर हैं.

काजी हाउस की भी व्यवस्था नहीं
नगर निगम क्षेत्र में आवारा पशुओं को पकड़ कर काजी हाउस में रखने की व्यवस्था थी. काजी हाउस भंवर पोखर और काजीपुर के समीप था. काजी हाउस में रखे गये पशु जुर्माना देने पर ही छोड़े जाते थे. पशु मालिक से प्रतिदिन के अनुसार जुर्माना की राशि वसूली जाती थी, लेकिन अब काजी हाउस नहीं है. निगम प्रशासन ने भंवर पोखर के समीप, वेटनरी कॉलेज परिसर, नूतन राजधानी अंचल कार्यालय व पटना हाइस्कूल परिसर में जब्त पशुओं को रखने की व्यवस्था की है, लेकिन यह व्यवस्था कागजी है. शनिवार को सात जानवरों को पकड़ा गया, जिन्हें नूतन राजधानी अंचल कार्यालय के खुले परिसर में रखा गया है.

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