पटना : बिहार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 69वीं बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में पीड़ितों को ऑवरड्राफ्ट की सुविधा देने व कर्ज को रिस्ट्रक्चरिंग करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक स्थायी कर्मी हैं, वेतन के अनुपात में बैंक उन्हें कर्ज मुहैय्या कराएं. डेयरी, फिशरी व पॉल्ट्री किसानों को भी केसीसी की सुविधा देने, सिक्का जमा लेने व 25 लाख से अधिक के बड़े कर्जदारों की सूची सार्वजनिक करने का निर्देश दिया.
सुशील मोदी ने कहा कि इस साल राज्य के 13 जिलों की करीब 90 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं. बैंक बाढ़ प्रभावित जिलों में ऑवरड्राफ्ट की सुविधा देने और बाढ़ पीड़ितों के कर्ज को रिस्ट्रक्चरिंग करने पर अविलंब विचार करें. राज्य में बन चुके 1078 पंचायत सरकार भवनों में शाखा खोलने के लिए बैंकों को मुफ्त जगह उपलब्ध करायी जायेगी.
विगत वर्ष 10 लाख के लक्ष्य के विरुद्ध बैंक मात्र 2.19 लाख नये किसानों को ही केसीसी दे पाए थे. इस साल केंद्र सरकार ने केसीसी के लिए फसल बीमा योजना की अनिवार्यता को समाप्त करने के साथ ही 1 लाख की जगह बिना मोरगेज के कर्ज की सीमा को बढ़ा कर 1.60 लाख कर इसमें डेयरी, फिशरी और पॉल्ट्री किसानों को भी शामिल कर दिया है. फसल ऋण के तर्ज पर इन्हें भी समय पर कर्ज वापस करने पर बाजार दर 10 से 12 प्रतिशत की जगह मात्र 4 फीसद ब्याज देना होगा.
माइक्रो फिनांस कंपनियों द्वारा दियेगये 6 हजार करोड़ और एसएचजी समूह के ऋण की वापसी दर अगर 99 प्रतिशत है तो फिर अन्य कर्जों की वसूली में परेशानी क्यों आ रही है? बैंकों को सुझाव दिया कि कर्ज वापस नहीं करने वाले 25 लाख से अधिक के बड़े कर्जदारों की सूची सार्वजनिक करें. सरकार भी वसूली में बैंकों को पूरी मदद करेगी. इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में साइबर फ्रॉड के 76 मामले पकड़ में आए हैं जिसमें 40 लाख से ज्यादा राशि निहित है. उन्होंने कहा कि रखने की जगह की व्यवस्था कर बैंक सिक्कों को जमा कराए. कतिपय बैंक शाखाओं द्वारा सिक्का जमा नहीं लेने के कारण आम लोगों के सामने समस्या उत्पन्न हो गयी है.