पूर्व CM के अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त राइफल से नहीं चली गोली, तो विपक्ष ने ऐसे साधा निशाना
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दौरान सलामी गारद द्वारा राइफल से गोलियां नहीं दाग पाने को लेकर विपक्ष ने गुरुवार को नीतीश सरकार पर निशाना साधा. नेताओं ने ट्वीट कर राज्य में पुलिस बल की स्थिति पर कटाक्ष किया. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का बुधवार को […]
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दौरान सलामी गारद द्वारा राइफल से गोलियां नहीं दाग पाने को लेकर विपक्ष ने गुरुवार को नीतीश सरकार पर निशाना साधा. नेताओं ने ट्वीट कर राज्य में पुलिस बल की स्थिति पर कटाक्ष किया. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का बुधवार को बिहार के सुपौल जिले के वीरपुर अनुमंडल अंतर्गत बलुआ बाजार में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था.
गार्ड आॅफ आनर के समय सभी 22 राइफलों से एक भी गोली नहीं चली थी. इस पर निशाना साधते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि बिहार पुलिस की क्या हालत है. इसका सीधा उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देख लिया. वो स्वयं इसके चश्मदीद हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की अंत्योष्टि के समय दी जा रही सलामी में राइफलों ने काम नहीं किया और फायर नहीं किये जा सके. निश्चित तौर इससे प्रतीत होता है कि पुलिस महकमे की क्या हालत बना कर रखी गयी है. इस पूरे मामले पर भी अगर मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए.
बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्र ने ट्वीट कर कहा ‘बिहार पुलिस गार्ड ऑफ ऑनर में गोली नहीं चला सकती तो अपराधियों का मनोबल बढे़गा ही, जगन्नाथ मिश्र जी के दाह संस्कार के समय 21 में से एक भी राइफल से गोली नहीं चली, ये कौन सा ऑनर दिया नीतीश कुमार जी आपकी पुलिस ने दिवंगत मिश्र को? राज्यसभा में राजद सांसद मीसा भारती ने बिना कोई टिप्पणी किए इसको लेकर मीडिया में आयी एक खबर को ट्वीटर हैंडल पर टैग किया है. इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने सुपौल के पुलिस अधीक्षक मृत्युंजय चौधरी से स्पष्टीकरण मांगा है.
बिहार पुलिस सैन्य बल के महानिदेशक द्वारा जांच में यह बात सामने आयी है कि गार्ड आॅफ आनर देने में इस्तेमाल होने वाले उक्त कारतूस (ब्लैंक कार्ट्रज) जिला पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गये थे. ये कारतूस केवल धमाके के लिए इस्तेमाल होते हैं.