पटना : सभ्यता द्वार तक पहुंचा गंगा का पानी, बढ़ रहे जल स्तर को देख दियारा क्षेत्र के लोग भारी दहशत में

बिंद टोली सहित दियारे में आने वाले कई इलाकों में भरा पानी पटना : शुक्रवार को पटना जिले के दीघा घाट व गांधी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर लगभग स्थिर रहा, जबकि हथिदह गंगा घाट पर गुरुवार के मुकाबले 0.18 सेमी जलस्तर बढ़ा. हालांकि गांधी घाट व हथिदह घाट पर अब भी गंगा नदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2019 5:47 AM
बिंद टोली सहित दियारे में आने वाले कई इलाकों में भरा पानी
पटना : शुक्रवार को पटना जिले के दीघा घाट व गांधी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर लगभग स्थिर रहा, जबकि हथिदह गंगा घाट पर गुरुवार के मुकाबले 0.18 सेमी जलस्तर बढ़ा. हालांकि गांधी घाट व हथिदह घाट पर अब भी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर है.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक हथिदह घाट पर गंगा का जलस्तर 41.95 सेमी है, जो खतरे के निशान से 0.19 सेमी अधिक है. वहीं, गांधी घाट पर जलस्तर 48.83 सेमी रहा, जो खतरे के निशान से 0.23 सेमी अधिक है. दीघा घाट पर जलस्तर 50.07 सेमी जलस्तर रहा, जो खतरे के निशान से नीचे है.
बिंद टोली सहित दियारे में चढ़ा पानी : जल स्तर बढ़ने की वजह से गंगा नदी अपने पुराने धारे में लौट आयी है. शुक्रवार को सभ्यता द्वार के नजदीक तक गंगा का पानी पहुंच गया. गंगा सुरक्षा बांध के अंदर बनाये गये कई अस्थायी निर्माण के अंदर भी पानी घुस गया है. पानी चढ़ने से दीघा में बसायी गयी बिंद टोली के निवासियों की परेशानी भी बढ़ गयी है.
यहां रहने वाले लोगों को दीघा पहुंचने के लिए नाव का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. पटना सदर के नकटा दियारा व आस पास के दियारा इलाके में भी पानी चढ़ा है. यहां पर रहने वाले लोग पानी अधिक बढ़ने की आशंका को ध्यान में रखते हुए अपने मवेशियों व सगे-संबंधियों को शहर में शिफ्ट करने पर विचार कर रहे हैं. जिला प्रशासन के स्तर पर फिलहाल इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
गंगा के जल स्तर में वृद्धि से तटीय इलाकों में घुसा पानी
दानापुर : गंगा के जल स्तर में वृद्धि सिलसिला अनवरत जारी है. धीरे-धीरे बढ़ रहे जल स्तर को देख दियारा क्षेत्र के लोग भारी दहशत में जी रहे हैं. बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों ने सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दी है. वहीं दियारा के गंगा तटीय क्षेत्र वाले में गांव के समीप पानी सतह के काफी करीब पहुंच गया है.
इसके चलते दियारा के खेतों में पानी घुसा गया है. इससे खेतों में लगे मकई, परवल, करैला आदि का फसल में बाढ़ के पानी में घुसने लगा है. दियारावासियों का कहना है कि गंगा का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो एक -दो दिन के अंदर गांव में बाढ़ आ जायेगी. गंगा का जल स्तर दो फुट और बढ़ तो बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ेगा.गंगा के जल स्तर में धीरे-धीरे वृद्धि होने से कासीमचक, हेतनपुर, शंकरपुर, पुरानी पानापुर, नवदियरी समेत आदि गांवों में गंगा का पानी फैलने लगा है. शुक्रवार की शाम को देवनानाला पर गंगा का जल स्तर 165. 20 फुट रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरे का निशान 168 फुट है.
गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से पौने तीन फुट नीचे बह रहा है. वहीं, सहायक अभियंता विजय कुमार प्रिंस ने बताया कि इलाहाबाद, बनारस व बक्सर में गंगा का जल स्तर घट रहा है और इंद्रपुरी में सोन नदी का जल स्तर वृद्धि हो रही है. इससे गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना बनी हुई है. सीओ महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गंगा के जल स्तर में हो रही वृद्धि पर विशेष नजर रखी जा रही है और संभावित बाढ़ से निबटने के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
पटना में बाढ़ से बचाव के लिए रहें तैयार: संजय झा
पटना : सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने विभाग के इंजीनियर और पदाधिकारियों को गंगा के जलस्तर पर ध्यान रखने और जलस्तर बढ़ने पर पटना में बचाव के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया है. वे शुक्रवार को बाढ़ से पटना शहर की सुरक्षा के लिए की गयी तैयारी की समीक्षा कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने दानापुरकैंटोनमेंट के पास देवनाला स्लुइस, दीघा लॉक, कुर्जीघाट मंदिर, बिहार विद्यापीठ के सामने पटना शहर सुरक्षा दीवाल, कृष्णाघाट और गांधीघाट का निरीक्षण किया. पटना शहर की सुरक्षा के लिए की गयी तैयारी के निरीक्षण और समीक्षा के क्रम में उन्होंने क्षेत्रीय इंजीनियरों को सजग रहकर चौकसी बरतने और बाढ़ से बचाव की तैयारी का निर्देश दिया.
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि पटना के दीघा और गांधी घाट में गंगा के जलस्तर में कमी हो रही है, लेकिन 2016 में गांधी घाट पर गंगा के अधिकतम जलस्तर (50.52 मी) को ध्यान में रखकर हर तरह की तैयारी रखें. किसी तरह की शिथिलता नहीं बरती जाये. उनके साथ दौरे में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह, विभागीय तकनीकी परामर्शी इंदुभूषण कुमार, अभियंता प्रमुख राजेश कुमार, मुख्य अभियंता पटना हरिनारायण और क्षेत्रीय अभियंता थे.

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