पटना को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में हाइकोर्ट ने कार्यवाही रिपोर्ट तलब की

पटना : पटना हाइकोर्ट ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में पटना शहर प्रदूषण से अधिक प्रभावित हो रहा है. प्रत्येक साल जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है. लेकिन, इसकी परवाह किसी को नहीं है. इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2019 9:09 AM
पटना : पटना हाइकोर्ट ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में पटना शहर प्रदूषण से अधिक प्रभावित हो रहा है. प्रत्येक साल जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है.
लेकिन, इसकी परवाह किसी को नहीं है. इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की दो सदस्यीय खंडपीठ ने डाॅ रेणु कुमारी द्वारा दायर लोकहित पर शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि अदालत जानना चाह रही है कि ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए के लिए सरकार कितनी चिंतित है.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपूर्ण कुमार ने कोर्ट को बताया कि डीज़ल वाहनों खासकर जो अधिक पुरानी हो चुकी है उसे रोका जाना चाहिए. उसके स्थान पर सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों को प्रमोट किया जाना चाहिए.
अदालत को जानकारी दी गयी कि शहर में सीएनजी के केवल दो ही प्लांट लगाये गये हैं. इससे कुछ नहीं होने वाला है. अदालत ने स्वीकार किया कि पटना शहर कंक्रीट शहर के रूप में विकसित हो रहा है. इस पर सरकार को चिंता करनी चाहिए. अधिक से अधिक पेड़ लगाये जाने चाहिए. लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है.
हरे भरे पेड़ काट दिये जाते हैं. खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में यह बताने के लिए कहा है कि प्रदूषण के बचाव के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं.

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