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पटना : लेजर तकनीक से ब्लैक स्पॉट हटने की गारंटी नहीं

स्किन डॉक्टरों के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कहा पटना : लेजर तकनीक प्रभावी है, लेकिन इसका इतना प्रभाव नहीं है कि सफेद दाग में बड़े ब्लैक स्पॉट को पूरी तरह हटा सके. टेस्ट पैच के बाद यदि रिजल्ट बढ़िया हो तो इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पूरी तरह गारंटी नहीं […]

स्किन डॉक्टरों के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कहा
पटना : लेजर तकनीक प्रभावी है, लेकिन इसका इतना प्रभाव नहीं है कि सफेद दाग में बड़े ब्लैक स्पॉट को पूरी तरह हटा सके. टेस्ट पैच के बाद यदि रिजल्ट बढ़िया हो तो इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
इसकी पूरी तरह गारंटी नहीं है कि ब्लैक स्पॉट हट ही जाये. इस कारण पूरी निश्चिंतता नहीं की जानी चाहिए. ये बातें स्किन डॉक्टरों के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन में मेंगलोर से पहुंचे प्रख्यात डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ गणेश पई ने कही. सम्मेलन की शुरुआत ज्ञान भवन में शुक्रवार को हुई. अधिवेशन के पहले सत्र में त्वचा संबंधित मुख्य परेशानियों के उपचार के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इसमें मुंहासे, झाइयां, धूप से कालापन और अन्य बीमारियों के उपचार में उपयोग किये जाने वाले आधुनिकतम और नवीनतम रसायनों के प्रयोग के बारे में बताया गया.
डॉ अतुल गुप्ता और डॉ सोनाली लेंगर के द्वारा मरीजों का उपचार करते हुए जानकारी दी गयी. लेजर के बारे में डॉ गणेश पाई के अलावा डॉ सुनील कोठीवाला के द्वारा भी बताया गया. वहीं डॉ रजत कछारी के द्वारा बॉटुलिनम नामक दवा द्वारा उम्र, चेहरे पर होने वाली झुर्रियों का उपचार लाइव दिखाया गया.
कार्यशाला के अंत में डॉ मानस चटर्जी ने स्कीन और बालों के उपचार में उपयोग में आने वाली तकनीक डर्मास्कोप की पद्धति के बारे में लाइव बताया. आर्गनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ विकास शंकर ने बताया कि अधिवेशन के पहले दिन के दूसरे सत्र में त्वचा और चेहरे पर होने वाले सफेद, काले व अन्य दाग के संबंध में डॉ निलेश शर्मा व डॉ सुनील कुमार गुप्ता ने अनुभवों को साझा किया. कार्यशाला आज भी जारी रहेगी.

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