पटना : किसानों को अक्तूबर से मिलेगा सोलर वाटर पंप

केंद्र प्रायोजित किसान ऊर्जा एवं उत्थान महा अभियान (कुसुम) योजना से िसंचाई में होगी सुविधा पटना : राज्य में किसानों को सिंचाई के लिए सोलर वाटर पंप अब तक राज्य सरकार मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय सौर पंप योजना से उपलब्ध करवा रही थी. अब इसी तर्ज पर अक्तूबर से किसानों को केंद्र प्रायोजित किसान ऊर्जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2019 9:05 AM
केंद्र प्रायोजित किसान ऊर्जा एवं उत्थान महा अभियान (कुसुम) योजना से िसंचाई में होगी सुविधा
पटना : राज्य में किसानों को सिंचाई के लिए सोलर वाटर पंप अब तक राज्य सरकार मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय सौर पंप योजना से उपलब्ध करवा रही थी.
अब इसी तर्ज पर अक्तूबर से किसानों को केंद्र प्रायोजित किसान ऊर्जा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना से भी सोलर वाटर पंप मिलने लगेगा. केंद्र सरकार ने इसकी जिम्मेदारी इनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (इइएसएल) को दी है. इसका मकसद सिंचाई के लिए बिजली और डीजल पर निर्भरता कम करना है. साथ ही इस योजना के तहत 2022 तक सभी सिंचाई पंपों को डीजल या बिजली के स्थान पर सौर ऊर्जा से चलाये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
सूत्रों का कहना है कि इइएसएल प्रत्येक राज्य में एजेंसी का चयन टेंडर के माध्यम से करेगी और उस एजेंसी के माध्यम से किसानों को सोलर वाटर पंप उपलब्ध करवाये जायेंगे. इसके लिए 28 अगस्त को नयी दिल्ली में प्री बिड मीटिंग होगी.
साथ ही बिड के लिए 11 सितंबर तक आवेदन दिये जा सकेंगे. कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल लगाने के लिए किसानों को उपकरण की कीमत का 10 फीसदी पैसा ह़ी खर्च करना होगा. बाकी धनराशि में 30 फीसदी केंद्र द्वारा सब्सिडी दी जायेगी. साथ ही 30 फीसदी राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर दिया जायेगा. शेष 30 फीसदी किसान बैंक से लोन ले सकते हैं. बैंक से लोन लेने में भी सरकार किसानों की मदद करेगी.
क्या है कीमत
दो एचपी के सोलर वाटर पंप की लागत मूल्य करीब दो लाख पांच हजार 800 रुपये है. इससे प्रतिदिन 1200 से 25 हजार 400 लीटर पानी निकल सकता है. वहीं, तीन एचपी की लागत मूल्य दो लाख 69 हजार 850 रुपये है. इससे प्रतिदिन 2500 से 60 हजार लीटर पानी निकल सकता है.
ये होंगे फायदे
इस योजना से वायुमंडल में प्रदूषित गैसों के साथ कार्बन डाइऑक्साइड में भी कमी आयेगी. इससे डीजल और बिजली की बचत होगी. किसानों को दो तरह से फायदा हो सकता है. एक तो उन्हें सिंचाई के लिए मुफ्त में 24 घंटे बिजली मिलेगी, साथ ही यदि वे अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचेंगे तो उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.

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