पटना :सितंबर से बालश्रमिकों की होगी खोज

सभी राज्यों के श्रम संसाधन विभाग से सहयोग का अनुरोध पटना : प्रदेश के बच्चों को अन्य राज्यों में भेजकर काम कराने वाले हर व्यक्ति को श्रम संसाधन विभाग चिह्नित करेगा. इसके लिए विभाग के पदाधिकारी सात राज्यों के श्रम अधिकारियों के साथ सितंबर से मीटिंग करेंगे. मीटिंग के बाद उन राज्यों के ऐसी संस्थाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2019 9:37 AM
सभी राज्यों के श्रम संसाधन विभाग से सहयोग का अनुरोध
पटना : प्रदेश के बच्चों को अन्य राज्यों में भेजकर काम कराने वाले हर व्यक्ति को श्रम संसाधन विभाग चिह्नित करेगा. इसके लिए विभाग के पदाधिकारी सात राज्यों के श्रम अधिकारियों के साथ सितंबर से मीटिंग करेंगे. मीटिंग के बाद उन राज्यों के ऐसी संस्थाओं से रिपोर्ट लेंगे, जो लोगों के घरों में काम करने वालों को भेजते है. इसके अलावा वैसे स्लम एरिया में भी टीम जायेगी, जहां पर बच्चों से काम लिये जाते हैं.
बिहार लाने के लिए वैधानिक औपचारिकताएं पूरी की जायेंगी बालश्रमिक किसी भी अन्य राज्य से विमुक्त कराये जाते हैं, तो उसे वापस लाने के पूर्व वहीं सभी वैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली जायेंगी. बिहार सरकार ने राजस्थान, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और छतीसगढ़ के पदाधिकारियों से यह अनुरोध किया है.
इसके बाद श्रमायुक्त, बिहार के अनुरोध पर गंभीरता से विचार करने एवं उस पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन िमला है. इसके बाद बालश्रमिक जब बिहार पहुंचेंगे, तो पुनर्वासित कराने में देर नहीं होगी. राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ तुरंत ही मिल जायेगा.
बालश्रमिकों का होगा नियमित सर्वेक्षण, तुरंत मिलेगी राहत बालश्रमिकों को विमुक्त कराने के बाद बच्चों को कौशल विकास कराने, बेहतर शिक्षा दिलाने एवं बालश्रमिकों के लिए नियमित सर्वेक्षण कराया जायेगा. इसके लिए अधिकारियों और आम लोगों से अपील होगी कि बालश्रमिक काम करते मिले, तो कम से कम उसकी सूचना निश्चित रूप से संबंधित पदाधिकारियों व पुलिस को जरूर दें. श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा िक जल्द ही कार्यकारी व्यवस्था से संबंधित दस्तावेज तैयार कर उसे अन्य राज्य राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक आिद को भेजा जायेगा. इसके लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है.
घरों में काम कर रहे बच्चों को मुक्त कराने के लिए तेज होगा अभियान
पटना श्रम संसाधन विभाग घरों व खेतों में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने के लिए अभियान तेज करेगा. पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर व पूर्णिया में सबसे पहले स्पेशल ड्राइव शुरू होगा. इसके पहले इन सभी जिलों के श्रम अधीक्षक को विभागीय निर्देश दिया गया है कि बालश्रम कराने वालों को क्या सजा मिलेगी, इसको लेकर लोगों को जागरूक करें. इसके बाद टीम बनाकर एक साथ पुलिस पदाधिकारियों के सहयोग छापेमारी की जायेगी.
होटलों, रेस्टोरेंटों में नियमित होगा औचक निरीक्षण : श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में बनी टीम को होटलों, रेस्टोरेंटों, छोटे-बड़े दुकानों में हर दिन छापेमारी करने का निर्देश दिया गया है. जहां भी बाल मजदूरों मिले, उनको तुरंत वहां से लेकर मुक्त कराकर संबंधित व्यक्ति, जो काम करा रहा है उसके ऊपर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पदाधिकारियों को बालश्रम कराने वालों पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई कराने का निर्देश दिया गया है.
पटना : पिछले चार महीने में सूबे के 92 हजार लोगों को नौकरियां मिलीहैं. यह आंकड़ा इपीएफओ और इएसआइसी से जुड़े नये सदस्यों के बाद की है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के अनुसार इस साल अप्रैल से जुलाई तक 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.
यह अप्रैल 2018 में 5,22,659 था. इसके अप्रैल से जुलाई माह में दिये गये रोजगारों की संख्या में सबसे ज्यादा है. अगर इपीएफओ द्वारा अप्रैल 2018 से जुलाई 2019 की अवधि के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान कुल 1,31,458 लाख लोगों को भविष्य निधि सामाजिक सुरक्षा योजना के साथ जोड़ा गया.
इस तरह 1,31,458 लाख लोगों को रोजगार मिला. इपीएफओ के अपर आयुक्त (बिहार-झारखंड) राजीव भट्टाचार्या ने बताया कि इपीएफओ लगातार यह प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक सदस्यों को जोड़ा जाये. इसी का नतीजा है कि पिछले चार माह में 50 हजार से अधिक नये सदस्य बने हैं. मिली जानकारी के अनुसार पटना क्षेत्रीय कार्यालय में 1 अप्रैल 2019 तक 4,75,119 सदस्यों की संख्या थी, जो बढ़कर 1 जुलाई 2019 को यह आंकड़ा 5,00, 770 हो गयी. इसी तरह भागलपुर क्षेत्रीय कार्यालय में 1 अप्रैल 2019 तक 62,616 सदस्यों की संख्या थी, जो बढ़कर 1 जुलाई 2019 को यह आंकड़ा 67906 हो गयी. वहीं, मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय कार्यालय में 1 अप्रैल 2019 तक 65,682 सदस्यों की संख्या थी, जो बढ़कर 1 जुलाई 2019 को यह आंकड़ा 85,438 हो गयी. वहीं, दूसरी ओर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) में भी सदस्यों की बढ़ी है.
मार्च 2019 में सदस्यों की संख्या 6,06,215 से बढ़कर जून 2019 में 6,48,705 हो गयी. इस तरह चार माह में सदस्यों की संख्या 42 हजार 553 बढ़ी है. जनवरी 2019 में इएसआइसी सदस्यों की संख्या 5,80,541 थी. कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि मार्च अप्रैल के बीच सबसे अधिक सदस्यों की संख्या बेगूसराय (2984), भागलपुर (2225), पटना (28,633) तथा मुजफ्फरपुर जिले में (2457) में बढ़ी है.

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