प्रियंका गांधी को समझना चाहिए, उन्हें पाकिस्तान में नहीं लड़ना है चुनाव : सुशील मोदी
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी नेट्वीट कर राजद व कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. सुशील मोदीनेअपनेट्वीट में लिखा है, डाॅ.अम्बेडकर ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाने का विरोध किया था और इस धारा के चलते उस सीमावर्ती राज्य में न मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हो पायी, […]
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी नेट्वीट कर राजद व कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. सुशील मोदीनेअपनेट्वीट में लिखा है, डाॅ.अम्बेडकर ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाने का विरोध किया था और इस धारा के चलते उस सीमावर्ती राज्य में न मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हो पायी, न दलितों-पिछड़ों को रिजर्वेशन का लाभ मिल पाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कश्मीर का कलंक बनी एक अस्थायी धारा को समाप्त कर रिजर्वेशन का रास्ता साफ कर दिया, तब रिजर्वेशन के मसीहा बनने वाले लालू प्रसाद की पार्टी सरकार के फैसले का विरोध क्यों कर रही है?
उन्होंने आगे लिखा है, मायावती ने धारा 370 हटने के साहसिक फैसले का न केवल फिर समर्थन किया, बल्कि जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति के बिना राहुल गांधी सहित 11 नेताओं के श्रीनगर जाने का विरोध करते हुए साफ कहा कि ऐसा करने से पहले कांग्रेस को इस मुद्दे पर और विचार करना चाहिए था. बसपा प्रमुख का यह आकलन सही है कि जिस धारा को 69 साल बाद हटाया गया, उसका दुष्प्रभाव समाप्त होने में समय लगेगा.
सुशील मोदी ने कहा कि मायवती के पैर छूकर दलितों को पटाने की कोशिश करने वाले तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि वे जम्मू-कश्मीर के गरीबों, दलितों-पिछड़ों को रिजर्वेशन से वंचित रखने वाली धारा 370 का समर्थन क्यों कर रहे हैं? इस मुद्दे पर पाकिस्तान को खुश करने वाला रुख अपना कर कांग्रेस तो अपनी कब्र खोद ही चुकी है, राजद जैसी पार्टियां उसका साथ देकर अपना गरीब, दलित-पिछड़ा जनाधार भी दफनाने की राह पर निकल पड़ी हैं.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने लिखा है, प्रियंका गांधी को अपनी दादी की साड़ी पहनते समय क्यों नहीं याद आता कि उसी शख्स ने 19 महीनों तक एक-दो राज्य नहीं, पूरे देश की आवाज दबा दी थी? इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए इमरजेंसी लगायी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने एक आतंकवाद-पीड़ित राज्य के स्वस्थ होने तक सीमित एहतियाती उपाय भी केवल सीमित अवधि के लिए किये हैं. प्रियंका को समझना चाहिए कि उन्हें पाकिस्तान में चुनाव नहीं लड़ना है.