पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार देश का पहला तंबाकूमुक्त राज्य बनेगा. इस दिशा में चौतरफा प्रयास किये जा रहे हैं. पूर्व में राज्य में 53 प्रतिशत लोग तंबाकू उत्पाद के रूप में खैनी, बीड़ी, सिगरेट या गुटखा का प्रयोग करते थे. अब राज्य में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या घटकर 25.9 प्रतिशत हो गयी है. तंबाकू सेवन में राष्ट्रीय औसत 28.6 प्रतिशत है. यह बिहार के औसत से अधिक है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार को नया सचिवालय परिसर में तंबाकू नियंत्रण कानून का प्रभावी क्रियान्वयन की स्मारिका का िवमोचन कर रहे थे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि तंबाकू सेवन की रोकथाम के लिए स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रभावी जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेंगे.
साथ ही कोटपा कानूनों को लागू करने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर धुम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी. उन्होंने दोहराया कि कैंसर रोग से मरने वालों में 40 प्रतिशत संख्या तंबाकू सेवन करने वालों की होती है. तंबाकू सेवन से होने वाली मौत में 90 प्रतिशत सिर्फ मुंह के कैंसर के रोगी होते हैं.
यहां नहीं कर सकेंगे धूम्रपान
राज्य के 13 ऐसे जिले हैं जिनको तंबाकू मुक्त घोषित किया गया है. इन जिलों में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसमें सरकारी कार्यालय, सिनेमा हॉल व थियेटर, पुस्तकालय, स्टेडियम, न्यायालय परिसर, रेलवे परिसर, सभागृह, एयरपोर्ट, स्कूल-कॉलेज, निजी कार्यालय, अस्पताल, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, वेटिंग रूल, बस स्टॉप, सार्वजनिक परिवहन और सार्वजनिक स्थल शामिल हैं. इस अवसर पर स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक डाॅ करुणा, प्रशासी पदाधिकारी खालिद , डाॅ एके शाही और सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा मौजूद थे.