आनंद तिवारी, पटना :एके 47 व दो हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले के बाद बेऊर जेल में बंद बाहुबली विधायक अनंत सिंह से मिलने के लिए तीसरे दिन भी कोई शुभचिंतक जेल के अंदर नहीं गया. हालांकि मंगलवार को जेल कर्मियों ने मेन गेट के सामने 10 से 12 की संख्या में खड़े कुछ लोगों देखा.
ऐसे में कयास लगायी जा रहा है कि वे जेल में बंद विधायक के समर्थक हो सकते हैं. हालांकि करीब आधे घंटे बाद वे लोग वहां से चले गये. इनमें अधिकांश लोग सफेद रंग की पोशाक में खड़े थे. इनमें से कुछ लोग बाहर से ही गेट के अंदर ताक-झांक की और चले गये.
एनाउंसमेंट सुन नहीं आया कोई मिलने: बेऊर जेल में बंद कैदियों से मिलने वाले लोगों और बंद कैदियों के बारे में एनाउंसमेंट किया जा रहा था. जेल प्रशासन की ओर से किये जा रहे एनाउंसमेंट के अनुसार जेल के अंदर जाने वाले लोगों को आइडी प्रूफ से लेकर क्या-क्या नियम के पालन करने हैं, सबके बारे में जानकारी दी जा रही थी. विधायक के समर्थकों ने मिलने की कई बार कोशिश की, लेकिन नियमों को सुन लोग वहां से लौट जा रहे हैं.
आने के बाद अब निगरानी बढ़ी
मंगलवार को जेल में सख्ती का आलम यह रहा कि मेन गेट पर लगने वाली भीड़ को हटा दिया गया. बंदियों से मिलने पहुंचे लोगों को जेल परिसर में लगे छोटे गेट पर ही रोक दिया गया. मिलने वाले लोगों का कहना है कि विधायक के आने के बाद मिलने में मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. कड़ी धूप में लाइन में लगे महिला-पुरुषों की मानें, तो अंदर प्रवेश करने के पहले ही मेन गेट पर ही पुलिसकर्मी पूरा ब्योरा ले रहे हैं. संदेह होने वाले लोगों पर कड़ाई से पेश आते हुए भी सुरक्षा कर्मी को देखा जा रहा है.
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक
अनंत सिंह का व्यवहार सामान्य कैदियों की तरह है और अलग से कुछ डिमांड भी नहीं कर रहे हैं. तीसरे दिन भी उनसे कोई मिलने नहीं आया. वहीं जेल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. जेल में बंदी लोगों से मुलाकात करने पहुंचे लोगों के आइडी देने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति मिलती है. नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों को बंदी से मुलाकात करने की इजाजत नहीं दी जाती है.
जवाहर लाल प्रभाकर, बेऊर जेल अधीक्षक
सीबीआइ जांच हो : नीलम
पटना : मोकामा विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने बाढ़ के नदावां स्थित पैतृक गांव से एके-47 व हैंड ग्रेनेड की बरामदगी को साजिश बताया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआइ या अन्य निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की है.
इसके साथ ही नीलम देवी ने यह भी आशंका जतायी कि उनके पति की जेल के अंदर हत्या करायी जा सकती है. मंगलवार को एक माल रोड स्थित विधायक के सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नीलम देवी ने कहा कि उनका गांव पटना से 70 किलोमीटर दूर है.
वे वहां कई वर्षों से नहीं गये. साजिश के तहत हथियार व हैंड ग्रेनेड रखकर फंसा दिया गया. पूरे मामले की जांच अगर सीबीआइ से करायी गयी तो सारी बातें सामने आ सकती है. नीलम देवी ने कहा कि उनकी भी हत्या हो सकती है. सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद भी गार्ड की व्यवस्था नहीं की गयी है.
23 मई को मुंगेर से लौटने के क्रम में मोकामा व बाढ़ के बीच में ट्रक से गाड़ी में धक्का मारकर हत्या करने का प्रयास किया गया. नीलम देवी ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वे प्रधानमंत्री से भी गुहार लगायेंगी. संवाददाता सम्मेलन के दौरान मौके पर मुंगेर संसदीय क्षेत्र विकास मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष रामानुज प्रसाद सिंह भी उपस्थित थे.