पंडारक में हजारों रुपये मूल्य की सरकारी दवाएं कुएं में फेंकी मिलीं
पंडारक : प्रखंड मुख्यालय से सटे कुएं में हजारों मूल्य की सरकारी दवाएं फेंक दी गयी. ग्रामीणों ने कुएं में तैर रही दवाओं को देखकर इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी. सूचना के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमारी पूजा ने मंगलवार को मामले की पड़ताल की. कुएं से दवाओं का नमूना निकलवाया गया. इसमें सबसे […]
पंडारक : प्रखंड मुख्यालय से सटे कुएं में हजारों मूल्य की सरकारी दवाएं फेंक दी गयी. ग्रामीणों ने कुएं में तैर रही दवाओं को देखकर इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी. सूचना के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमारी पूजा ने मंगलवार को मामले की पड़ताल की. कुएं से दवाओं का नमूना निकलवाया गया.
इसमें सबसे ज्यादा आयरन, फोलिक एसिड और अलबैंडा जोल (कीड़ा मारने की गोली) है. दवाओं के रेपर पर बिहार सरकार अंदर एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) स्कीम लिखा है. यह दवा एक्सपायर नहीं है.
दरअसल आयरन व फोलिक एसिड की गोली गर्भवती महिलाओं को और अलबैंडा जोल की गोली बच्चों को दी जाती है. इससे अनुमान लग रहा है कि यह दवा आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में आवंटित करने के लिए मंगाया गया था. इसे गर्भवती महिलाओं व बच्चों के बीच बांटने के बदले कुएं में फेंक दिया गया. इस संबंध में बीडीओ ने कहा कि यह पता लगाया जायेगा कि फेंकी गयी दवाएं किस विभाग के लिए आवंटित हुई थी.
इसकी जांच के लिए टीम बनायी गयी है. वहीं बड़े पैमाने पर दवाओं को फेंके जाने की सूचना स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को दी गयी है. सूत्रों की मानें तो दवा फेंके जाने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों के बीच हड़कंप मचा है. इधर ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर सरकारी अस्पतालों में दवा की किल्लत है.
मरीजों को बाहर से दवा खरीदना पड़ता है. दूसरी ओर हजारों मूल्य की दवाएं फेंकी जा रही है. गांव में रहने वाले लोगों को बढ़िया स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की सरकार की एनआरएचएम महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इसके लाभ से ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोग वंचित हो रहे हैं.