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पुलिस के बाद अब आर्मी की टीम MLA अनंत सिंह से करेगी पूछताछ! बरामद हैंड ग्रेनेड सेना के इस्तेमाल का
पटना : मोकामा विधायक अनंत सिंह से आर्मी की इंटेलिजेंस टीम भी पूछताछ कर सकती है. विधायक के बाढ़ के नदवां स्थित पैतृक गांव से एके-47 हथियार व हैंड ग्रेनेड को बरामद किया गया था. दोनों ही हथियार काफी घातक हैं. हैंड ग्रेनेड का उपयोग केवल सेना ही करती है. पुलिस को भी हैंड ग्रेनेड […]
पटना : मोकामा विधायक अनंत सिंह से आर्मी की इंटेलिजेंस टीम भी पूछताछ कर सकती है. विधायक के बाढ़ के नदवां स्थित पैतृक गांव से एके-47 हथियार व हैंड ग्रेनेड को बरामद किया गया था. दोनों ही हथियार काफी घातक हैं.
हैंड ग्रेनेड का उपयोग केवल सेना ही करती है. पुलिस को भी हैंड ग्रेनेड नहीं दिया जाता है. इसके कारण आर्मी की टीम उनसे यह पूछताछ कर सकती है कि उक्त हैंड ग्रेनेड कहां से मिले. हालांकि आर्मी इंटेलिजेंस पुलिस की पूछताछ के बाद अपनी जांच करेगी. इसके साथ ही एनआइए भी अनंत सिंह से पूछताछ करेगी. क्योंकि जिस तरह के हथियार बरामद हुए हैं वो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए हैं.
प्राथमिकी में इससे संबंधित आइपीसी की धारा यूएपीए भी लगायी गयी है. पटना पुलिस भी अनंत सिंह से एक ही सवाल करेगी कि उक्त हथियार उनके पास कहां से आये. हालांकि अनंत सिंह इस बात को कतई स्वीकार नहीं करेंगे, यह बात भी पुलिस अच्छी तरह जानती है. इसके अलावा वे लोस चुनाव के दौरान बाढ़ गये या नहीं, इसकी भी पुलिस जानकारी लेगी. इधर, बरामद दो हैंड ग्रेनेड को जांच के लिए एफएसएल भेज दिया गया है.
पटना पुलिस जायेगी महाराष्ट्र की ऑर्डिनेंस फैक्टरी
छापेमारी के दौरान बरामद 7.62 एमएम का कारतूस महाराष्ट्र के जलगांव, भूसावल में स्थित भारणगांव ऑर्डिनेंस फैक्टरी का था. कारतूस के नीचे पेंदी में ओएफभी अंकित था. इसके साथ ही नंबर भी अंकित था. ओएफभी ने ही क्लियर किया कि उक्त कारतूस महाराष्ट्र के भारणगांव ऑर्डिनेंस फैक्टरी का है.
विधायक को रिमांड पर देने का फैसला सुरक्षित
बाढ़. एके-47 और हैंड ग्रेनेड बरामदगी के हाइ प्रोफाइल मामले में बाढ़ के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार माधवेंद्र ने मोकामा विधायक अनंत सिंह को तफ्तीश के लिए पुलिस रिमांड पर लेने को लेकर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
अनंत सिंह के अधिवक्ता ने पुलिस रिमांड का विरोध किया. बेऊर जेल में बंद मोकामा विधायक अनंत सिंह को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के लिए अनुसंधानकर्ता व सहायक पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह द्वारा कोर्ट में दी गयी अर्जी पर दो किस्तों में एसीजीएम ने बुधवार की दोपहर को सुनवाई की.
पहली सुनवायी 12:00 हुई जिसमें पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए अनंत सिंह के अधिवक्ता ने कहा कि विधायक को जान का खतरा है. इसलिए पुलिस कस्टडी में उन्हें न सौंपा जाये. पुलिस कोर्ट में पेश करने के पहले भी कई घंटे तक विधायक से पूछताछ कर चुकी है. इसके बाद दोबारा पूछताछ करने का कोई मकसद नहीं रह गया है. इसके अलावा वह बीमार भी चल रहे हैं.
रिमांड के दौरान अनंत सिंह के अधिवक्ता को भी पूछताछ के दौरान मौजूद रहने की इजाजत दी जाये. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करायी जाये. इसके अलावा अनंत सिंह के अधिवक्ता ने कहा कि पूरी सुनवायी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में होनी चाहिए, ताकि विधायक को पारदर्शी न्याय व्यवस्था का विधि सम्मत लाभ मिल सके. विधायक के जीवन को इस वक्त गंभीर खतरा बना हुआ है.
अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी सुनील कुमार कंधवे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पुलिस रिमांड में कानून का पालन होना चाहिए. अनुसंधान के दौरान पुलिस पूरी तरह हर पहलू की जांच करने के लिए स्वतंत्र है. इस अधिकार से उसे वंचित नहीं किया जा सकता है. सामान्य और वीआइपी अभियुक्त के बीच में अनुसंधान की प्रक्रिया में कोई भी अंतर नहीं है. दोनों के लिए कानून समान है. कोर्ट ने एक घंटे के बाद फिर दूसरे चरण में सुनवाई की.
इस दौरान अनंत सिंह के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में दी गयी अर्जी के आधार पर बहस शुरू की गयी. कोर्ट ने पुलिस रिमांडमें पूछताछ के दौरान अनंत सिंह की तरफ से उपस्थित रहने वाले एक अधिवक्ता का नाम मांगा. लिखित रूप में अधिवक्ता रजनीश कुमार का नाम दिया गया है. बहरहाल पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है.
राजनीतिज्ञ की कार के लिए पास जारी होने की शिकायत
अनंत के वकील ने लिखा उपराष्ट्रपति- प्रधानमंत्री को खत
पटना : मोकामा विधायक अनंत सिंह के वकील ने उपराष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर एमएलसी के कार पर राज्यसभा का स्टिकर लगाने के मामले की कार्रवाई का अनुरोध किया है. वकील ज्ञानेंद्र मिश्रा ने संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद बने नियम का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यमंत्री केंद्रीय कार्मिक विभाग और आचार समिति के अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को संबोधित पत्र में आरोप लगाया है कि एएसपी जिस कार से कोर्ट पहुंची थीं, उसका पंजीकरण ( संख्या बीआर 01 पीएफ 1341, टाटा सफारी स्टॉर्म) वाली गाड़ी बिहार के एक राजनीतिज्ञ के नाम पर पंजीकृत है. इससे यह स्पष्ट होता है कि जिस कार पर एमपी के लिए पार्किंग लेबल जारी किया गया था, वह कार एमपी के नाम पर नहीं है.
संसद के दिशानिर्देशों और 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद यह प्रावधान हुआ कि संसद परिसर में आने वाले उन्हीं कार को स्टिकर दिया जायेगा, जो संसद सदस्य या उनकी पत्नी के नाम हो. पत्र में सेवा नियम का उल्लंघन करने वाले पुलिस अफसर को भी दंडित करने का अनुरोध किया गया है.
मुख्य मुद्दा यह है गाड़ी पर एमपी का स्टिकर लगा हुआ है. वह स्टिकर लेने का प्रोटोकाल है. सांसद को स्टिकर लेने के लिए कई सारे डि-क्लियरेंस देने होते हैं. बताना पड़ता है कि गाड़ी उनके नाम है. वाहन का पूरा ब्योरा देना पड़ता है. पूरे मामले में राज्यसभा के स्टिकर का मिसयूज हुआ है. यह सदन की सुरक्षा से जुड़ा है.
ज्ञानेंद्र मिश्रा, सीनियर एडवोकेट
(अनंत सिंह के वकील)
सचिवालय थाने में दर्ज केस में प्रोडक्शन वारंट के लिए दी गयी अर्जी
पटना . माेकामा विधायक अनंत सिंह के खिलाफ सचिवालय थाने में दर्ज केस में प्रोडक्शन वारंट के लिए पुलिस ने पटना सिविल कोर्ट में अर्जी दी है. संभवत: उक्त केस में पुलिस कोप्रोडक्शन वारंट मिल जायेगा. उक्त वारंट से फिर बेऊर जेल को अवगत करा दिया जायेगा. इसके साथ ही सिविल कोर्ट में भी उक्त केस खुल जायेगा और उपस्थिति के लिए जेल प्रशासन द्वारा न्यायालय से लाया जायेगा. विदित हो कि सचिवालय थाने में अनंत सिंह व उनकी पत्नी नीलम देवी के खिलाफ केस के आरोपित को संरक्षण देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. उक्त मामले में नीलम देवी ने जमानत ले ली है.
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