पटना : राज्य भर में तालाबों की खोज के लिए राज्य सरकार गूगल अर्थ का सहारा लेगी. मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों को पत्र लिखकर तालाबों की खोज के लिए इसका सहारा लेने को कहा है.
सार्वजनिक तालाबों, अाहर, पाइन से लेकर कुओं तक के जीर्णोद्धार के लिए मनरेगा के तहत कार्ययोजना तैयार की गयी है. इसके लिए मनरेगा आयुक्त ने पटना सहित सभी जिलों को पत्र लिखकर पूरी कार्ययोजना की जानकारी दी गयी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने हवाई फोटोग्राफी के आधार पर जिलों में अंचल पदाधिकारियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का काम सौंपा है. सार्वजनिक तालाब, अाहर, पाइन, कुओं को खोजने और इन्हें अतिक्रमणमुक्त करने की समय सीमा तय कर दी है.
अगले वर्ष मई तक पूरा करना है जीर्णोद्धार का काम : मनरेगा आयुक्त को दिये गये निर्देश के अनुसार सबसे पहले सार्वजनिक कुओं व तालाबों की पहचान करना है.
इसके अलावा 25 सितंबर तक जीर्णोद्धार के लिए विभाग को अनुशंसा करनी है. 31 दिसंबर तक हर हाल में तालाब, कुआं व अन्य जल संचयन के संसाधनों को अतिक्रमणमुक्त कर देना है, जिनके जीर्णोद्धार का काम 31 दिसंबर से शुरू हो जायेगा. जीर्णोद्धार का काम हर हाल में मई,2020 तक पूरा कर लेना है, ताकि अगले वर्ष बारिश के मौसम में तालाबों व कुओं में पानी भर सके.
ग्राम सभा की अनुशंसा पर होगा काम
मनरेगा के तहत किये जाने वाले सभी कार्यों के लिए ग्राम सभा की मंजूरी अनिवार्य होगी. जिन जगहों पर जीर्णोद्धार के लिए बड़ी मशीन की आवश्यकता होगी, उसे दूसरे विभागों को सौंपा जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग एक हेक्टेयर के रकबा वाला तालाब, आहर व पइन के जीर्णोद्धार का कार्य मनरेगा के तहत होगा.