गैंगरेप पीड़िता के सिर मुंडवाकर गांव में घुमाने के मामले में आरोपित पंचों को आज महिला आयोग के समक्ष होना है पेश
पटना : जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र की अमकोला पंचायत के मसौंधा गांव में हुए सामुहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग पीड़िता को ही दोषी ठहराते हुए सिर मुंड़वा कर पूरे गांव में घुमाये जाने के मामले में आरोपित पंचायत सदस्यों को आज बिहार राज्य महिला आयोग के समक्ष पेश होना है. मालूम हो कि बिहार […]
पटना : जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र की अमकोला पंचायत के मसौंधा गांव में हुए सामुहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग पीड़िता को ही दोषी ठहराते हुए सिर मुंड़वा कर पूरे गांव में घुमाये जाने के मामले में आरोपित पंचायत सदस्यों को आज बिहार राज्य महिला आयोग के समक्ष पेश होना है. मालूम हो कि बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एसएसपी को पत्र लिख कर पंचायत का फैसला देनेवाले सभी सदस्यों को आयोग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था.
क्या है मामला?
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मां ने पुलिस को आवेदन देकर बताया था कि 14 अगस्त को गांव के पास ही उनकी नाबालिग लड़की शौच के लिए गयी थी. तभी गाड़ी में सवार छह लोग वहां से गुजरने के दौरान लड़की को बुलाया और गाड़ी में जबरन बैठा लिया. गाड़ी में बैठे एक लड़के देवलाल यादव को उनकी बेटी ने पहचान लिया. पहचान किये गये युवक की ससुराल उनके ही गांव में है. इधर, बेटी के लापता होने के दूसरे दिन 15 अगस्त को बेहोशी की हालत में पास के गांव के पंचायत भवन की छत पर लोगों ने देखा और घर पहुंचाया. गांव में लोगों को सूचान मिलने पर लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय नाबालिग बेटी को ही गलत करार दिया. इसके बाद गांव में बैठी पंचायत ने पीड़िता के बाल काटने और गांव में घुमाने का आदेश दिया.
थाने में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गयी. गांव के मुख्य रास्ते पर गांववाले निगरानी रखने लगे. मामला गांव से बाहर जाने ना पाये, इसलिए 12 दिनों तक पीड़िता और उसके परिजनों को निगरानी में रखा गया. बाद में किसी तरह बच-बचाकर रविवार को लड़की अपनी मां और एक अन्य सहयोगी के साथ एसएसपी के पास पहुंची और पूरी घटना की जानकारी दी.