पटना : बिहार में भाजपा के साथ सत्ता में शामिल जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने असम के लिए जारी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की सूची के बारे में कहा है कि इसने अपने ही देश में लाखों लोगों को विदेशी बना दिया है. प्रशांत किशोर ने कल ट्वीट किया था कि एनआरसी ने लाखों लोगों को अपने ही देश में विदेशी बना दिया है.
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत ने ट्विटर पर लिखा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे़ जटिल मुद्दों के समाधान को लेकर रणनीति के अभाव और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिये बिना जब राजनीतिक बयानबाजी तथा ऐसे फैसले किये जाते हैं तो लोगों को ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के लिए प्रशांत के अगले विधानसभा चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार किए जाने की चर्चा होती रही है.
ममतस बनर्जी एनआरसी का पहले ही विरोध कर चुकी हैं, प्रशांत किशोर के एनआरसी को लेकर दिए गये उक्त बयान पर जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि उनके और दीदी (ममता बनर्जी) जैसे लोगों के पेट क्यों दर्द हो रहा है. अजय ने सोमवार को ट्वीट कर प्रशांत से पूछा है कि क्या वह सचमुच मानते हैं कि उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को जीत दिलायी थी या फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी को जीत दिला दी. अगर वह ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुबारक और ममता बनर्जी के लिए भी शुभकामनाएं.
उन्होंने प्रशांत को बिना वैल्यू का रणनीतिकार करार देते हुए उन्हें नसीहत दी कि वह चुनावी पेशेवर हैं, उसी दायरे में रहें. राजनीतिक ट्वीट करना बंद करें. अजय आलोक ने पूछा कि क्या बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सुपौल और दरभंगा में घुस आये अवैध प्रवासी के मतदाता बन जाने पर से जदयू सहमत है. उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि वह ऐसे लोगों से निपटें.