समाज कल्याण की योजनाओं का होगा ऑडिट

पटना : समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह ने अधिकारियों को विभाग की योजनाअों की जमीनी हकीकत का आकलन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं का लोगों को कितना फायदा हो रहा है, इसकी जानकारी के आधार पर लक्ष्य पूरा करने में आसानी होगी. वे बुधवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2019 8:29 AM
पटना : समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह ने अधिकारियों को विभाग की योजनाअों की जमीनी हकीकत का आकलन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं का लोगों को कितना फायदा हो रहा है, इसकी जानकारी के आधार पर लक्ष्य पूरा करने में आसानी होगी.
वे बुधवार को राष्ट्रीय पोषण माह के शुभारंभ सह उन्मुखीकरण कार्यशाला में बोल रहे थे. इसका आयोजन विभाग के आइसीडीएस निदेशालय ने हज भवन में किया था. मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह राज्य में कुपोषण को कम करने का उचित अवसर है. इसे अभियान के रूप में सभी जनप्रतिनिधियों के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग सहित पीएचइडी को भी सहयोग करना चाहिए. इस अवसर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रीय पोषण माह में बेहतर प्रदर्शन करने पर बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला था. इस बार भी राज्य में कुपोषण खत्म करने के लिए सभी अधिकारियों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना होगा.
उन्होंने कहा कि नवजात के लिए पहला एक हजार दिन गोल्डन पीरियड माना जाता है. इसमें मस्तिष्क का 85 फीसदी हिस्सा विकसित होता है. आमतौर पर आंगनबाड़ी केंद्रों में एक हजार दिन बीतने पर बच्चे आते हैं. ऐसे में उनके अभिभावकों को पहले से जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रात में भूखा सोने वाले बच्चे
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित हुए. राज्य में औसतन 48 फीसदी बच्चों में बौनापन है, लेकिन इसका कारण गरीबी नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी है. इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशीष श्रीवास्तव सहित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

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