पटना : सितंबर के पहले चार दिन न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री और अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा है. एक से लेकर तीन सितंबर तक पटना प्रदेश में सबसे गर्म रहा. आइएमडी पटना के मुताबिक इस तरह के हालात अगले सात दिन तक बने रहेंगे.
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पटना सहित समूचे प्रदेश में मानसून की स्थिति बेहद खराब है. दरअसल प्रदेश में कोई भी मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है. ऐसे हालात में आम आदमी तापमान की अधिकता से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. आइएमडी पटना के मुताबिक पटना का तापमान बढ़ा हुआ रहेगा, क्योंकि पटना हीट आइलैंड के रूप में तब्दील हो गया है. बारिश नहीं होने से लगातार कट रहे वृक्ष, वाहनों की एवं एसी की बढ़ती संख्या तापमान में औसतन दो से तीन डिग्री इजाफा कर देती है.
प्री मानसून की दशाएं : पटना सहित समूचे दक्षिण मध्यम बिहार में अप्रैल और मई में दिखने वाली प्री मानसून की दशा उत्पन्न हो गयी हैं. ऐसी दशाओं में अपराह्न दो बजे तक तेज गर्मी और उसके बाद बढ़े हुए तापमान के चलते बादल का छिटपुट बरस जाना शामिल है.
न्यूनतम तापमान ज्यादा घातक: मौसम विज्ञानियों के मुताबिक न्यूनतम तापमान सबसे घातक है. इससे मनुष्य और पशु पक्षियाें की मनोदशा पर विपरीत असर पड़ता है.
नमी की मौजूदगी में तापमान की अधिकता से शारीरिक शिथिलता भी पैदा होती है. हाल के अनुसंधान में साबित हो चुका है कि ऐसी दशाओं में हानिकारक बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. फिलहाल पटना में बुधवार का तापमान भी बढ़ा हुआ रहा. उच्चतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 34 और न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा. नमी की मात्रा भी अच्छी-खासी बढ़ी रही.