विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ी, हत्या मामले में एफएसएल जांच में सही पाये गये ऑडियो
पटना : मोकामा विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. एक ठेकेदार और उसके भाई की हत्या की कथित साजिश से जुड़े अनंत सिंह के आडियो फोरेंसिक जांच में सही पायेगये हैं. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. हाल ही में घर से एक एके-47 राइफल और ग्रेनेड […]
पटना : मोकामा विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. एक ठेकेदार और उसके भाई की हत्या की कथित साजिश से जुड़े अनंत सिंह के आडियो फोरेंसिक जांच में सही पायेगये हैं. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. हाल ही में घर से एक एके-47 राइफल और ग्रेनेड बरामद होने के बाद अनंत सिंह पर यूएपीए अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और इस मामले में वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में बेउर जेल में बंद हैं.
पंडारक थाना अध्यक्ष रमण प्रकाश वशिष्ठ ने बताया कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से प्राप्त उक्त रिपोर्ट को बाढ़ अनुमंडलीय अदालत के एसीजेएम कुमार माधवेंद्र की अदालत में जमा कर दिया गया है. इस मामले में अनंत सिंह को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिए जाने के सवाल पर वशिष्ठ ने कहा कि अदालत के निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.
गौरतलब है कि ठेकेदार भोला सिंह और उनके भाई मुकेश सिंह की हत्या के इरादे से 14 जुलाई को पंडारक थाना क्षेत्र पहुंचे चार अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. ठेकेदार भोला और उनके भाई की हत्या की कथित तौर पर साजिश रचने और उसके लिए अपराधियों को सुपारी देने को लेकर अनंत सिंह की एक अपराधी से बातचीत का एक आडियो गिरफ्तार अपराधियों में से एक के मोबाइल से बरामद हुआ था. अपराधियों ने भी स्वीकारोक्ति में अनंत सिंह का नाम लिया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन अनंत के अनुपस्थित रहने पर 29 जुलाई को उनके आवास पर एक नोटिस चस्पा किया था. जिसके बाद अनंत सिंह ने 01 अगस्त को बिहार पुलिस मुख्यालय में एफएसएल दफ्तर में जांच के लिए अपनी आवाज का नमूना दिया था. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में आरोपों को बेबुनियाद और खुद को इस मामले में फंसाने का आरोप लगाया था.
बाढ़ अनुमंडल के लदमा गांव स्थित अनंत सिंह के पैतृक आवास से 16 अगस्त को एक एके-47 राइफल, एक मैगजीन, कुछ कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुए थे. इस मामले में अनंत सिंह के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में बाद में अनंत सिंह ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था.
इससे पूर्व अनंत ने 22 अगस्त को अज्ञात स्थान से एक वीडियो जारी कर पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें पता चल गया है कि एनटीपीसी में राज्य मे सत्ताधारी जदयू के सांसद ललन सिंह, मंत्री नीरज कुमार और अपर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने मेरे खिलाफ साजिश रचकर उनके घोर विरोधी और पड़ोसी विवेका पहलवान के भतीजे जसवीर और कर्मवीर के माध्यम से उनके घर मे हथियार रखवाए गए थे. 25 अगस्त की सुबह विमान से दिल्ली से लाए जाने के बाद अनंत सिंह को कड़ी सुरक्षा में बाढ़ अनुमंडल अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेजा गया था.
अनंत सिंह को पूछताछ के लिए दो दिनों के रिमांड पर दिए जाने के पुलिस के अनुरोध को बाढ़ अनुमंडलीय अदालत के एसीजेएम कुमार माधवेंद्र ने 29 अगस्त को स्वीकार कर लिया था. 31 अगस्त को रिमांड पर लिए गए अनंत से पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में दो सितंबर को बेउर जेल भेज दिया था. अनंत सिंह की पत्नी और कांग्रेस प्रत्याशी नीलम देवी ने बिहार में सत्ताधारी जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ मुंगेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इसमें वह हार गयी थी.
अनंतसिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2005 में जदयू के उम्मीदवार के तौर पर बाहुबली नेता सूरजभान सिंह के खिलाफ की थी. इससे पहले अनंत के बड़े भाई दिलीप सिंह ने जो कि राबड़ी देवी सरकार में मंत्री थे, मोकामा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था. जदयू से निष्कासित कर दिए जाने पर अनंत ने 2015 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे.