पटना : चितकोहरा मोड़ से गर्दनीबाग तक शिक्षक ही शिक्षक
मुंह पर काली पट्टी बांध और काला छाता लगाकर किया प्रदर्शन पटना : शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों का जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. गुरुवार को दोपहर बारह बजे तक चितकोहरा से लेकर गर्दनीबाग मोड़ और इधर सचिवालय तक शिक्षकों का सैलाब उमड़ पड़ा. मुंह पर काली पट्टी बांध कर तथा काला छाता लगाकर अपने […]
मुंह पर काली पट्टी बांध और काला छाता लगाकर किया प्रदर्शन
पटना : शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों का जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. गुरुवार को दोपहर बारह बजे तक चितकोहरा से लेकर गर्दनीबाग मोड़ और इधर सचिवालय तक शिक्षकों का सैलाब उमड़ पड़ा. मुंह पर काली पट्टी बांध कर तथा काला छाता लगाकर अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. वैसे तो सुबह से ही शिक्षक राज्यभर से आकर धीरे-धीरे संजय गांधी स्टेडियम गर्दनीबाग में जमा हो रहे थे.
धीरे-धीरे इनका प्रदर्शन तेज हुआ. शिक्षकों ने तमाम बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. लाख कोशिशों के बाद भी प्रशासन उन्हें रोक नहीं पायी जबकि पूरा महकमा उन्हें रोकने पर लगा था. एक दिन पहले ही शाम सरकार ने संजय गांधी स्टेडियम को सील कर दिया और शिक्षकों के कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी. बावजूद इसके प्रदेशभर के शिक्षक शिक्षिकाओं ने पटना की सड़क पर ही उतरकर अपनी वेदना जाहिर की.
चितकोहरा मोड़ से गर्दनीबाग गेट नंबर एक सड़क पुरी तरह जाम : शिक्षक आंदोलन की वजह से चितकोहरा मोड़ से गर्दनीबाग गेट नंबर एक सड़क पुरी तरह जाम रही.
शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए ट्रैफिक अभियान तक नहीं चलाया गया जो पहले से निर्धारित था. शिक्षकों के प्रदर्शन की वजह से चितकोहरा मोड़ से गर्दनीबाग गेट तक सड़क जाम रहा. आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शिक्षक सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगा रहे थे. उनका कहना था कि वे सरकार से डरने वाले नहीं हैं. आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जायेगा. शिक्षक अपना हक लेकर रहेंगे.
मौके पर अरुण क्रांति कुशवाहा सदस्य अध्यक्ष मंडल, आनंद कौशल सिंह सदस्य अध्यक्ष मंडल, आनंद मिश्रा सदस्य महासचिव मंडल, मनोज कुमार मीडिया प्रभारी, बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति, प्रेमचंद पटना जिला संयोजक, मुश्तफा आजाद, टीइटी-एसटीइटी संगठन के महासचिव अनिल राय, राज्य सचिव अमित कुमार, संजीत गुड्डु, नाजिर हुसैन, कोषाध्यक्ष मितेंदू , प्रदेश मीडिया प्रभारी राहुल विकास, शैलेंद्र कुमार, वेदना प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे.
प्रमुख मांग : पुराने शिक्षकों के भांति वेतनमान, सेवा शर्त, पेंशन, नियोजित शिक्षकों को समान वेतन
टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक भी हुए शामिल : टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ भी आंदोलन में शामिल थे. संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्केंडेय पाठक ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. हमें कार्रवाई की धमकी दी जा रही है.
सरकार के आला अफसर शिक्षकों के खिलाफ पत्र निकाल रहे हैं. लेकिन, शिक्षक नहीं मानने वाले हैं और अपना हक लेकर रहेंगे. वेदना प्रदर्शन को समर्थन देने पूर्व सांसद जाप नेता पप्पू यादव भी धरना स्थल पर पहुंचे और धरनार्थियों के साथ बैठे रहे. वेदना प्रदर्शन कार्यक्रम में समन्वय समिति में शामिल सभी संगठनों के अध्यक्ष एवं महासचिव शामिल थे.
धरना-प्रदर्शन के बाद हुई बैठक : संध्या चार बजे धरना स्थल से धरना की समाप्ति के बाद एग्जीविशन रोड स्थित भुनेश्वर शिक्षक सेवा सदन में पहुंच गये जहां छोटी सी बैठक हुई सभी ने एक स्वर में आज के शिक्षकों द्वारा किये गये धरना- प्रदर्शन को सफल करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षक दिवस के दिन जहां एक ओर चंद कर्मचारियों को बैठाकर, बगैर शिक्षक के कृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षक दिवस मना रहे थे.
वहीं दूसरी ओर पटना की सड़कों पर उनके द्वारा अपमानित किये गये लाखों शिक्षक अपनी वेदना प्रदर्शन कर रहे थे. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा.
काला बिल्ला लगाकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के द्वारा राज्य भर में शिक्षक दिवस के अवसर पर काला बिल्ला लगाकर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. मोर्चा के अध्यक्ष राम विनेश्वर सिंह ने कहा कि कि सरकार की उपेक्षा का आलम यह है कि वेतन तो दूर अनुदान भी छह साल से नहीं मिला है. ऐसे में शिक्षक कैसे अपनी जिविका चलायेंगे. मौके पर महासचिव जय नारायण सिंह, रायश्रीपाल सिंह, सुनील कुमार राय, देव कुमार रायआदि मौजूद थे.
बिहार टीइटी शिक्षक संगठन ने भी शिक्षक दिवस के दिन हड़ताल का आह्नान किया. इसमें राज्य के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के सभी कोटी के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर गर्दनीबाग में प्रदर्शन किया. समग्र संस्कृत सह संस्कृत शिक्षक कल्याण संस्थान ने इस मौके पर धरना दिया.
मौके पर शंकर राय, श्याम नारायण प्रसाद आदि मौजूद थे. बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में प्रधान संयोजक डा शंभूनाथ सिन्हा, डाॅ राकेश कुमार, डॉ धर्मेंद्र चौधरी, डॉ राम नरेश प्रसाद आदि मौजूद थे.
मांगों पर विचार करे सरकार : अरुण
युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि बिहार के नियाेजित शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों की सात सूत्री मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.उन्होंने कहा कि समान काम के बदले समान वेतन मिलना शिक्षकों का मौलिक अधिकार है.
नियोजित शिक्षकों के आंदोलन पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा है कि उनके साथ अापसी बातचीत से बीच का रास्ता निकल सकता है. उनकी मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
ऐसे में सरकार फिलहाल कुछ करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि इससे कोर्ट की अवमानना हो सकती है. शिक्षा मंत्री से पूछा गया कि सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद बड़ी संख्या में शिक्षक प्रदर्शन करने के लिए पटना पहुंचे हैं, ऐसे में क्या उन पर कार्रवाई होगी? इस प्रश्न को मंत्री टाल गये. वहीं सम्मानित हुए शिक्षकों ने आंदोलन को जायज ठहराया.