इन शब्दों ने ही अनंत सिंह के आवाज की पोल खोल कर रख दी. उस समय अनंत सिंह काे भी आभास हो गया था कि उनकी आवाज मैच कर गयी है. हालांकि वॉयस सैंपल देने के बाद निकले अनंत सिंह ने यह कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है. पुष्टि होने के कयास लगाये जाने लगे थे. लेकिन सभी को एफएसएल की रिपोर्ट आने का इंतजार था. और, रिपोर्ट में भी आवाज समान ही निकला.
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23 शब्दों में ही फंस गये अनंत सिंह, बुतरुआ, छप्पनवा, मोबाइलबा बोलने पर जल गयी थी जांच मशीन बत्ती
पटना : एक अगस्त को एफएसएल कार्यालय में पुलिस अधिकारियों द्वारा कुछ शब्द बोलने के लिए अनंत सिंह को दिये गये थे. जिसमें उन्हें एके 47, एके 56, बुतरू, मोबाइल, कुल, गोली, बैरल, सिस्टम आदि शब्दों को बोलना था. एक तरह से जो ऑडियो में था, उसे ही अनंत सिंह को बोलना था. जानकारी के […]
पटना : एक अगस्त को एफएसएल कार्यालय में पुलिस अधिकारियों द्वारा कुछ शब्द बोलने के लिए अनंत सिंह को दिये गये थे. जिसमें उन्हें एके 47, एके 56, बुतरू, मोबाइल, कुल, गोली, बैरल, सिस्टम आदि शब्दों को बोलना था. एक तरह से जो ऑडियो में था, उसे ही अनंत सिंह को बोलना था. जानकारी के अनुसार, अनंत सिंह ने जैसे ही सैंतालीसवा, छप्पनवा, बुतरूआ, मोबाइलवा, कुलके, गोलिया, बैरलवा, सिस्टम्वा आदि बोला वैसे ही वॉयस जांच मशीन की बत्ती जल गयी थी. कई शब्दों पर बत्ती जल गयी थी और जानकारों ने उस समय ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि ऑडियो की आवाज अनंत सिंह की है.
23 शब्द हुए हैं मैच : फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के प्रभारी निदेशक अशोक कुमार दास और सहायक निदेशक उमेश कुमार सिंह द्वारा वॉइस सैंपल की जांच की गयी थी. इससे सैंपल का नमूना एक अगस्त को रिकॉर्ड किया गया था.
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि आठ क्लिप की जांच के बाद 23 शब्द मैच हुआ है. जांच के बाद जो शब्द मैच किया गया है उसमें सांझ के, कुल के मंगा, होशियार, अपने कर, गोतिया, कईले रहा, गाली, घोड़ा जे, गोली भी, एकदम बरियार, सिक्सर, बरलवा, बुतरुआ, आदमिया, सैतालीसवा , सौ परसेंट, मोबाइलबा एक्टिव, मुखिया, छप्पनवा, फायदा, विहने, भेजवा, सिस्टम्वा आदि शामिल हैं.
32 जीबी के मेमोरी कार्ड में दिया गया था ऑडियो : एफएसएल की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि पुलिस की ओर से उन्हें 32 जीबी के मेमोरी कार्ड दिया गया था. इसमें 24 मिनट 58 सेकेंड का ऑडियो था. इसके बाद अनंत सिंह का वॉयस सैंपल लिया गया. इसके बाद विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा दोनों को मैच कराये गये. जिसमें दोनों ही वॉयस समान पाये गये.
हथियार व हैंड ग्रेनेड की जांच रिपोर्ट का इंतजार : पुलिस इस मामले में जल्द ही चार्जशीट करने के मूड में है. पुलिस अनंत सिंह, लल्लू मुखिया व अन्य का बयान ले चुकी है. इसके साथ ही वॉयस की जांच रिपोर्ट में भी आवाज के समान होने की पुष्टि हो गयी. अब पुलिस को केवल एके 47 व हैंड ग्रेनेड की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. हथियारों की जांच रिपोर्ट भी जल्द ही मिलने की संभावना जतायी जा रही है और पुलिस 90 दिनों से पहले ही चार्जशीट कर देगी, ताकि अनंत सिंह इसका लाभ नहीं उठा सके.
फ्लैशबैक
14 जुलाई भोला सिंह और उसके भाई की हत्या की साजिश में तीन शूटर धराये
20 जुलाई अनंत सिंह का वॉइस रिकॉर्ड वायरल
10 अगस्त को इस्तहार निकला
19 अगस्त कोर्ट में पुलिस चौकस घर पर छापेमारी गिरफ्तारी वारंट निकला
20 अगस्त लल्लू मुखिया के घर की कुर्की शुरू
21 अगस्त लल्लू मुखिया की संपत्ति कुर्क भाई रणवीर ने किया सरेंडर
29 अगस्त को लल्लू मुखिया ने किया बाढ़ कोर्ट में सरेंडर
एक सितंबर को पुलिस रिमांड में लल्लू मुखिया ने उगले कई राज
भोला सिंह और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए पुलिस अभियान तेज
एक पुराने हत्याकांड में तलाशी जा रही अनंत सिंह की आवाज की जांच की रिपोर्ट
पटना : अनंत सिंह पर हत्या की सुपारी देने के मामले में आवाज मैच करने की जांच रिपोर्ट मिलते ही उनके आवास से बरामद एके-47 को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है. एक पुराने हत्याकांड में पूर्व में लिये गये उनके वॉयस सैंपल की जांच रिपोर्ट की खोज में पुलिस जुट गयी है. करीब एक साल पहले अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद थे.
एफएसएल पटना की टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में एक पुराने हत्याकांड में विधायक की आवाज का सैंपल लेकर सीडी पुलिस को सौंप दी थी. लेकिन सीडी जांच के लिए लैब नहीं पहुंची. सूत्रों का दावा है कि पुलिस यह पता लगा रही है कि वॉयस सैंपल की जांच यदि दूसरे राज्य में करायी गयी तो उसकी रिपोर्ट कहां है. कहीं ऐसा तो नहीं कि सैंपल को कहीं दबा दिया गया है.
वॉयस टेस्ट की जानकारी नहीं
एके-47 राइफल को जांच के लिए लैब भेज दिया है. जेल में हुए वॉयस टेस्ट की जानकारी नहीं है.
कांतेश कुमार मिश्रा, ग्रामीण एसपी
अनंत समर्थकों ने उठाये सवाल, हैदराबाद की जांच रिपोर्ट कहां गयी?
पटना : वाॅयस की जांच रिपोर्ट आने के बाद अनंत सिंह के एक माल रोड स्थित आवास पर करीबी बंटू सिंह ने सवाल उठाया कि हैदराबाद की जांच रिपोर्ट कहां है? यह जांच रिपोर्ट तो पटना का है, जबकि पटना में इसकी जांच नहीं होती है.
उन्हें जानकारी मिली थी वॉयस सैंपल को जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाना था. हैदराबाद की जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया है और पटना में खुद ही रिपोर्ट बना कर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक एके 47 राइफल वायरल मामले में विवेका पहलवान पर मामला दर्ज नहीं हुआ है और न ही अपराधी पकड़े गये हैं.
केस हो सकता है पटना जिला कोर्ट में स्थानांतरित
बाढ़. भोला सिंह और उसके भाई मुकेश सिह की हत्या की साजिश को लेकर चल रहे इस मुकदमे को पटना के न्यायालय में स्थानांतरित किया जा सकता है.
इसके लिए अभियोजन पक्ष और पुलिस के बीच में बातचीत चल रही है. दो-तीन दिनों में इस बात का भी फैसला हो सकता है. इसके लिए विवेचना पदाधिकारी को कोर्ट में आवेदन देने के लिए निर्देश दिया जा सकता है. इसके आधार पर केस स्थानांतरित करने में सहूलियत हो सकती है.
दो करोड़ के लिए भोला सिंह और अनंत सिंह के बीच चल रही है अदावत
पटना/बाढ़ : बाढ़ के चर्चित अनंत सिंह और भोला सिंह के बीच खूनी अदावत दो करोड़ रुपये के लेनदेन को लेकर चल रही है. यह खुलासा अनंत सिंह के खास कर्मवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया ने पुलिस रिमांड के दौरान एक सितंबर को पंडारक थानाध्यक्ष से पूछताछ के दौरान किया है. इस दौरान लल्लू मुखिया ने अपनी अपराध की दुनिया के कई राज उगले हैं. यह रिपोर्ट गुरुवार को थानाध्यक्ष ने एसीजेएम कोर्ट में पेश की है.
इस रिपोर्ट में लल्लू मुखिया ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि वह 20 वर्षों से विधायक अनंत सिंह के साथ काम कर रहे हैं. 2004 में उसने एनटीपीसी में ठेकेदारी दोनों मिलकर शुरू की है. 2008 में दो करोड़ रुपये को लेकर अनंत सिंह और भोला सिंह के बीच में दुश्मनी शुरू हुई है. लल्लू मुखिया ने पुलिस को बताया है कि 2001 के आसपास अनंत सिंह का एक एके-47 राइफल सकसोहरा थाना के भावनचक गांव में पुलिस द्वारा बरामद किया गया था.
वहीं दूसरी एके 47 राइफल बेगूसराय में बरामद की गयी है. भोला सिंह की हत्या के प्रयास मामले में नदमा गांव से 16 अगस्त को बरामद एके-47 का इस्तेमाल किया जाना था, ताकि शूटरों को बचाया जा सके. हालांकि इस मामले में लल्लू मुखिया के पक्ष कोर्ट में रिमांड के बाद हुई पेशी के दौरान अर्जी दी गयी थी. जिसमें शिकायत की गयी थी कि पुलिस ने रिमांड के दौरान एक कागज पर बिना उसकी मर्जी के दस्तखत कराया था.
इधर, अनंत सिंह व लल्लू मुखिया के जेल में जाने के बाद भोला सिंह अपने साथियों के साथ एनटीपीसी पर कब्जा कर सकता है. सूत्रों का कहना है कि लल्लू मुखिया के कुछ सहयोगियों ने भोला सिंह का हाथ थाम लिया है.
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