प्रधानमंत्री ने मुश्किल पलों में वैज्ञानिकों की जो हौसला अफजाई की, वह उनके नेतृत्व की महानता का संकेत : सुशील मोदी
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमारमोदी नेट्वीट कर कहा कि चंद्रयान -2 की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसने पूरे देश को न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रति जागरूक किया, बल्कि अपने वैज्ञानिकों की मेधा में विश्वास पैदा किया. चांद को छूने में जहां रूस और अमेरिका 40 बार विफल रहे, वहां […]
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमारमोदी नेट्वीट कर कहा कि चंद्रयान -2 की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसने पूरे देश को न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रति जागरूक किया, बल्कि अपने वैज्ञानिकों की मेधा में विश्वास पैदा किया. चांद को छूने में जहां रूस और अमेरिका 40 बार विफल रहे, वहां हमारे वैज्ञानिकों का दूसरे प्रयास में सिर्फ दो किलोमीटर दूर रह जाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि चांद के सबसे मुश्किल मिशन के रोमांचक पल देखने के लिए रात भर जागा देश पूरी तरह इसरो वैज्ञानिकों के साथ है. अगले किसी मिशन में हम किसी भारतीय को सदेह चांद पर पहुंचा देख सकें, यह हौसला नहीं टूटा है. आर्यभट्ट की धरती से चंद्रयान- 2 की पूरी टीम को बधाई. उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 की लैंडिंग के समय रात डेढ़ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसरो प्रमुख के सिवन की टीम के साथ मौजूद रहना और लैंडर से संपर्क टूटने पर छायी निराशा के समय वैज्ञानिकों का मनोबल ऊंचा रखना बहुत बड़ी बात है. प्रधानमंत्री ने मुश्किल पलों में वैज्ञानिकों की जो हौसला अफजाई की, वह उनके नेतृत्व की महानता का संकेत है.