बिहार में राजग के कप्तान नीतीश, 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कप्तान बने रहेंगे : सुशील मोदी

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में राजग के कप्तान नीतीश कुमार हैं और वे 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कप्तान बने रहेंगे. सुशील मोदी की यह टिप्पणी भाजपा के बिहार विधान परिषद सदस्य संजय पासवान द्वारा 2020 के विधानसभा चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2019 12:29 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में राजग के कप्तान नीतीश कुमार हैं और वे 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कप्तान बने रहेंगे. सुशील मोदी की यह टिप्पणी भाजपा के बिहार विधान परिषद सदस्य संजय पासवान द्वारा 2020 के विधानसभा चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन को लेकर हाल ही में दिए गए बयान के बाद आयी है.

सुशीलमोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा बिहार में राजग के "कप्तान" नीतीश कुमार हैं और 2020 के प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन के कप्तान बने रहेंगे. उन्होंने आगे कहा ‘जब कप्तान चौका, छक्का मार रहे हैं और विरोधियों को पारी के साथ पराजित कर रहे हैं, तो ऐसे में किसी भी बदलाव का प्रश्न कहां है.’ संजय पासवान ने हाल ही में अपनी "व्यक्तिगत राय" बताते हुए कहा था कि नीतीश को अपने चौथे कार्यकाल (बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर) के लिए आगे बढ़ने के बजाये केंद्र में अपना योगदान देना चाहिए. उन्होंने बिहार के भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के अलावा सुशील का नाम संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों के रूप में रखा था.

संजय पासवान की उक्त टिप्पणी पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू के नेताओं से नाराजगी व्यक्त करते हुए भाजपा आलाकमान से संजय जैसे लोगों पर लगाम लगाने का आग्रह किया था. उल्लेखनीय है कि गत 22 जुलाई को बिहार विधानसभा में भी सुशील ने कहा था कि राजग अगला विधानसभा का चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा. इससे पहले, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे संजय के विचार से भाजपा की बिहार इकाई ने खुद को अलग कर लिया था.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने मंगलवार को ट्विटर पर कहा था “हमने बिहार के विकास के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाई है. जदयू और लोजपा (रामविलास पासवान की पार्टी) के साथ हमारा गठबंधन तीनों दलों के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया गया एक सामूहिक निर्णय है, भाजपा अपने सहयोगियों और उनके नेताओं का सम्मान करती है. हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं। एक निजी राय की अभिव्यक्ति, या यहां तक कि कार्यकर्ताओं या आम जनता की भावनाओं को पार्टी के आधिकारिक रुख के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए.”

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