संवाददाता,पटना
राज्य सरकार इस साल सूखे से ग्रसित 18 जिले के 102 प्रखंडों के 896 पंचायतों के पहली बार सभी परिवार को तीन-तीन हजार का तत्काल सहायता देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को सहमति दे दी गयी. इसके लिए बिहार आकस्मिकता निधि से 900 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
बाढ़ राहत के दौरान जिन परिवारों को छह हजार की सहायता दी जा चुकी है, अगर वैसे परिवार इन पंचायतों में प्रभावित हैं, तो उनको यह तत्काल सहायता नहीं दी जायेगी. कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सूखा प्रभावित इन प्रखंड व पंचायतों के चुनाव तीन मापदंडों के आधार पर किया गया. इसमें जिन प्रखंडों में 30 प्रतिशत से अधिक वर्षापात की कमी दर्ज की गयी.
साथ ही उस प्रखंड के संबंधित पंचायत में खरीफ फसल का 70 प्रतिशत से कम आच्छादन हुआ है. इनके खाते में पीएफएमएस के माध्यम से दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि सूखा को लेकर कैबिनेट का दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि वैसे किसान जो रोपनी कर चुके हैं, उनकी तीन बिंदु पर समीक्षा की जा रही है. पहला कि उनके खेतों में दरार पायी गयी हो, फसल मुरझा गया हो या उपज में 33 प्रतिशत या उससे कमी हो, इन तीनों में एक भी पाया जाता है तो उसके आधार पर कृषि विभाग पूरी सूची तैयार करेगा.
इस वर्ष 15 अक्तूबर को इसको लेकर निर्णय लिया जायेगा. उन इलाकों को सूखा घोषित करते हुए आगे की कार्रवाई में कृषि इनपुट सब्सिडी की राशि दी जायेगी. पटना (17 प्रखंड 135 पंचायत), नालंदा (12 प्रखंड के 75 पंचायत), भोजपुर (दो प्रखंड, 14 पंचायत), रोहतास (एक प्रखंड, एक पंचायत), गया (10 प्रखंड, 86 पंचायत), नवादा (नौ प्रखंड के 118 पंचायत), औरंगाबाद (दो प्रखंड के 18 पंचायत), जहानाबाद (छह प्रखंड के 56 पंचायत), अरवल (दो प्रखंड के आठ पंचायत), मुंगेर (चार प्रखंड के 18 पंचायत), जमुई (आठ प्रखंड के 72 पंचायत), लखीसराय (पांच प्रखंड के 64 पंचायत), शेखपुरा (चार प्रखंड के 33 पंचायत), भागलपुर (तीन प्रखंड के 22 पंचायत), बांका (पांच प्रखंड के 34 पंचायत), वैशाली (10 प्रखंड के 140 पंचायत), मुजफ्फरपुर (एक प्रखंड के एक पंचायत) और दरभंगा (एक प्रखंड के एक पंचायत) शामिल हैं.
कृषि विभाग के सचिव एन सचिव एन श्रवणन ने बताया कि कैबिनेट द्वारा कृषि रोड मैप के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को लेकर 2019-20 से 2023-24 तक के लिए कुल 60 करोड़ 65 लाख की योजना की स्वीकृति दी है. इस वित्तीय वर्ष में 13 करोड़ 93 लाख की निकासी व खर्च की स्वीकृति दी गयी.
उन्होंने बताया कि जलवायु के अनुरूप कृषि में बदलाव को लेकर पहल की जा रही है. इसमें किसान को जलवायु के अनुरूप फसल में कैसे बदलाव लाया जाए. कैसी वेराइटी दी जाये जो कम पानी में भी जीवित रह सके. उन्होंने बताया कि इस तरह की कृषि के साथ वहां पर स्थानीय स्तर पर अनुसंधान भी किया जायेगा. यह योजना राज्य के आठ जिलों मुधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नवादा, गया और नालंदा जिला के पांच-पांच गांवों का चयन किया गया है. यहां के किसानों को पहले केवीके में प्रदर्शित किया जायेगा.