पटना : संसद की कुल 24 स्थाई समितियों का गठन कर दिया गया है. इसमें बिहार के राधामोहन सिंह, रमा देवी, ललन सिंह, डॉ संजय जायसवाल और भूपेंद्र यादव समिति का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. जबकि, बिहार के कई लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में चयन किया गया है.
राधामोहन सिंह, गोपालजी ठाकुर, कौशलेंद्र कुमार के साथ-साथ मनोज कुमार झा, वशिष्ठ नारायण सिंह को रेलवे समिति में रखा गया है. इस समिति का चेयरपर्सन राधामोहन सिंह को नियुक्त किया गया है. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जयप्रकाश के साथ-साथ राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर को ऊर्जा समिति में रखा गया है. इस समिति का चेयरपर्सन राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बनाया गया है. चिराग पासवान के अलावा राज्यसभा सांसद प्रभात झा और भूपेंद्र यादव को व्यक्तिगत, सार्वजनिक शिकायतें, कानून और न्याय समिति में रखा गया है. इस समिति का चेयरपर्सन भूपेंद्र यादव को बनाया गया है. रमा देवी को सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण का चेयरपर्सन बनाया गया है. डॉ संजय जायसवाल को जल संसाधन समिति का चेयरपर्सन बनाया गया है.
गृह मामलों की समिति में बेगूसराय के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा को सदस्य बनाया गया है. साथ ही बिहार के बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव को भी सदस्य बनाया गया है. ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म एंड कल्चर समिति में वीणा देवी, छेदी पासवान और राजीव प्रताप रूडी को सदस्य बनाया गया है. वहीं, मानव संसाधन विकास समिति में राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह और अखिलेश प्रसाद सिंह को सदस्य बनाया गया है. रामप्रीत मंडल को उद्योग समिति का सदस्य बनाया गया है. रामकृपाल यादव के साथ-साथ राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को कृषि समिति का सदस्य बनाया गया है. सांसद आरके सिंह को शहरी विकास समिति का सदस्य बनाया गया है. विदेश मामले की समिति में राज्यसभा सांसद मीसा भारती को सदस्य बनाया गया है.
क्या होती है स्थाई समितियां?
संसद की स्थाई समितियों को ‘मिनी संसद’ भी कहा जाता है. संसद में पेश बिलों पर चर्चा ये समितियां करती हैं. साथ ही अपने मंत्रालय से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार विमर्श भी करती हैं. इन समितियों का गठन एक साल के लिए होता है.