पटना : जुगाड़ सिस्टम पर कचरा शुल्क की वसूली, लोगों पर बढ़ेगा बोझ

पटना : निगम प्रशासन ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था काे शुरू किया. ताकि, राशि के अभाव में नयी व्यवस्था ठप नहीं हो. इसको लेकर कचरा शुल्क निर्धारण करते हुए वसूलने का प्रावधान किया गया. कचरा शुल्क से प्राप्त होने वाली राशि से गाड़ियों के मेंटेनेंस, डीजल व दैनिक कर्मियों के वेतन पर खर्च करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2019 9:00 AM
पटना : निगम प्रशासन ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था काे शुरू किया. ताकि, राशि के अभाव में नयी व्यवस्था ठप नहीं हो. इसको लेकर कचरा शुल्क निर्धारण करते हुए वसूलने का प्रावधान किया गया.
कचरा शुल्क से प्राप्त होने वाली राशि से गाड़ियों के मेंटेनेंस, डीजल व दैनिक कर्मियों के वेतन पर खर्च करने हैं. लेकिन, निगम प्रशासन नौ माह बाद भी शत-प्रतिशत कचरा शुल्क वसूलने में नाकाम है. इसकी वजह है कि कचरा शुल्क वसूलने को लेकर अब तक डेडिकेटेड व्यवस्था नहीं की गयी है. स्थिति यह है कि जैसे-तैसे सफाई पर्यवेक्षकों के भरोसे वसूला जा रहा है.
निगम की गलती से लोगों पर बढ़ेगा बोझ : जनवरी से ही कचरा शुल्क वसूल करना था. लेकिन, वार्ड के सेक्टर प्रवेक्षक निर्धारित माह से वसूलना शुरू नहीं किये. अप्रैल-मई माह में जोर-शोर से वसूली शुरू की गयी. लेकिन, जून माह से वसूली सुस्त पड़ गयी है. अप्रैल-मई माह में लोगों से चार-पांच माह का एक साथ शुल्क वसूला गया. अब फिर चार-पांच माह का बकाया हो गया है, जो लोगों पर बेवजह बोझ है. निगम की गलती की खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा.
जनवरी से वसूलना है कचरा शुल्क : निगम प्रशासन ने अक्तूबर, 2018 से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत की. लेकिन, कचरा शुल्क वसूलने का प्रावधान जनवरी से किया गया. निगम क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक हाउस होल्ड के साथ-साथ नर्सिंग होम, हॉस्पिटल, मैरेज हॉल, दुकान आदि से शुल्क वसूलना है. कचरा शुल्क जमा करने में लोगों को परेशानी नहीं हो. इसको लेकर डिजिटल पेमेंट व मैनुअल व्यवस्था करनी है. लेकिन, डिजिटल व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है.

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