किसान, श्रमिक व छोटे दुकानदार होंगे पेंशन योजना से लाभान्वित : सुशील मोदी

पटना : विश्वकर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर अधिवेशन भवन में श्रम संसाधन विभाग की ओर से आयोजित ‘श्रम कल्याण दिवस समारोह’ के उद्धाटन के बाद अपने संबोधन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी बुढ़ापे का सहारा पेंशन योजना के तहत बिहार 1 लाख 85 हजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2019 5:22 PM

पटना : विश्वकर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर अधिवेशन भवन में श्रम संसाधन विभाग की ओर से आयोजित ‘श्रम कल्याण दिवस समारोह’ के उद्धाटन के बाद अपने संबोधन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी बुढ़ापे का सहारा पेंशन योजना के तहत बिहार 1 लाख 85 हजार किसानों के निबंधन के साथ देश में दूसरे, 1 लाख 58 हजार श्रमिकों के साथ पांचवें और छोटे दुकानदारों के निबंधन के मामले में तीसरे स्थान पर है. इस योजना के लाभुकों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रतिमाह कम से कम 3 हजार रुपये पेंशन मिलेगी.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी फैक्ट्री जहां 10 से अधिक कामगार हैं का संयुक्त निरीक्षण और 24 घंटे के अंदर आॅनलाइन रिपोर्ट दाखिल करना अनिवार्य होगा. सभी श्रम कानूनों में काॅमन विवरणी दाखिल किया जा सकेगा व निबंधन, नवीनीकरण तथा लाइसेंस आदि की प्रक्रिया को आॅनलाइन व लाइसेंस की अवधि 5 से बढ़ा कर 10 वर्ष कर दिया गया है.

सुशील मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने भी 44 श्रम कानूनों को 4 लेबर कोड में परिवर्तित कर दिया है. किसी संस्थान में 10 या उससे अधिक कामगार हैं तो उन्हें नियुक्ति पत्र देना, साल में एक बार मेडिकल चेकअप कराना होगा. गर्भवती महिला कर्मियों के सवैतनिक मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी बीमा (ईएसआई) के लाभ के लिए कर्मियों के वेतन की सीमा 15 हजार से बढ़ा कर जहां 21 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है वहीं उनके अंशदान को घटा दिया गया है.

सुशील मोदी ने कहा कि विदेश मंत्रालय के सहयोग से श्रम संसाधन विभाग द्वारा समुद्र पार नियोजना ब्यूरो के तहत पटना, मुजफ्फरपुर, गया व दरभंगा में प्रस्थान पूर्व उन्मुखीकरण प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कियेगये हैं. बिहार से 2017 में 69,426, 2018 में 59,181 तथा 2019 के अगस्त तक 25,660 लोग विदेश खास कर खाड़ी देशों में जाने के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस लिए हैं. प्रशिक्षण के जरिये रोजगार के लिए विदेश जाने वालों का सुरक्षित व वैध प्रवासन सुनिश्चित किया जा सकेगा.

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