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बढ़ा जल स्तर : हथिदह में गंगा खतरे के निशान से ऊपर, अगले 24 घंटे में दीघा घाट पर छू सकता है पानी, विभाग सतर्क

पटना : गंगा की सहयोगी नदियों के पानी से पटना के गंगा घाट लबालब हो चले हैं. गांधी घाट के बाद हथिदह में भी गंगा का जल स्तर सोमवार की शाम खतरे के निशान को पार कर गया है. बता दें कि गांधी घाट पर गंगा बीते रोज ही खतरे का निशान पार कर गयी […]

पटना : गंगा की सहयोगी नदियों के पानी से पटना के गंगा घाट लबालब हो चले हैं. गांधी घाट के बाद हथिदह में भी गंगा का जल स्तर सोमवार की शाम खतरे के निशान को पार कर गया है. बता दें कि गांधी घाट पर गंगा बीते रोज ही खतरे का निशान पार कर गयी थी. जानकारी के मुताबिक हथिदह में सोमवार को जल स्तर खतरे के निशान से केवल सात सेंटीमीटर नीचे था.
दरअसल सोमवार को इस घाट का जल स्तर 41.69 मीटर था, यह बढ़ कर शाम 41.80 मीटर पहुंच गया. इस घाट पर मंगलवार की सुबह तक 20 सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है. इधर, गांधी घाट में गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. सोमवार की सुबह गांधी घाट पर पानी खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर था. मंगलवार की सुबह तक 27 सेंटीमीटर और बढ़ जाने की संभावना है. इस तरह गांधी घाट पर मंगलवार को गंगा का जल स्तर 48.86 मीटर से 49. 13 मीटर पहुंच जायेगा.
उल्लेखनीय है कि गांधी घाट पर वर्ष 2016 में अधिकतम जल स्तर गया था. तब इस घाट का जल स्तर 50.52 मीटर तक पहुंच गया था दीघा घाट पर भी गंगा नदी के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. दीघा घाट में गंगा सोमवार की सुबह तक खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर नीचे रहा. सोमवार को यहां का जल स्तर 50.04 मीटर दर्ज किया गया था. हालांकि मंगलवार को यहां करीब 30 सेंटीमीटर तक जल स्तर बढ़ने की उम्मीद है.फिलहाल पटना के तीनों प्रमुख घाटों पर जल स्तर बढ़ने का ट्रेंड है. इसके लिए जल संसाधन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है.
मनेर के दियारे के कई गांवों का संपर्क टूटा
मनेर : पिछले तीन दिनों से मनेर में गंगा नदी की जल स्‍तर उफान पर है. लगातार हो रही वृद्धि से मनेर के दियारा स्थिर गांवों में जाने वाले कई निचले इलाकों के रास्तों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. हल्‍दीछपरा संगम व श्मशान घाट जाने का रास्ता भी बंद हो गया है. गंगा के किनारे बन रहे सूर्य मंदिर का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया है.
इस्लामगंज, छिहतर, महावीर टोला और पश्चिमी दियारे के हुलासी टोला, रामपुर और भवानी टोला आदि गांवों को जाने वाले रास्‍तों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है.
सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है. दियारा के लोगों को बाढ़ के पानी में घुस कर आना -जाना पड़ रहा है, जबकि कई गांवों का संपर्क मनेर शहर से टूट गया. लगातार गंगा नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि को लेकर दियारा के लोग दहशत में हैं. इधर, सैकड़ों हेक्‍टेयर में लगी सब्जियों की फसल भी डूब गयी है.
पानी बढ़ने से सोन सोता के निचले इलाकों में पानी भरने लगा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी छह सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे बह रही है. प्रशासन की ओर से दियारे में नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.
किसान डूबा, लापता
मनेर : थाना क्षेत्र के ब्यापुर गांव में सोमवार की शाम पशुओं का चारा लेकर लौटने के दौरान बाढ़ के पानी में 35 वर्षीय किसान डूब गया. व्‍यापुर निवासी जयनंदन राय के पुत्र पेशर राय हर रोज की तरह सुबह सोन सोता नदी पार कर खेती-बाड़ी के साथ ही पशुओं की चरवाही कराने के बाद पशु का चारा लेकर शाम में लौट रहा था.
इसी बीच सोन सोता नदी में बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण वह पानी की गहराई का अंदाजा नहीं लगा सका और डूब गया. डूबने की सूचना के बाद परिजनों के बीच कोहराम मच गया. परिजन देर शाम तक किसान की तलाश करते रहे. सूचना पर पहुंची पुलिस स्थानीय गोताखोर के सहारे शव की तलाश में जुटी रही.
बक्सर में एनएच पर चढ़ा पानी, वैशाली में भी संकट
बक्सर/सारण/वैशाली : गंगा का जल स्तर बढ़ने से बक्सर, आरा, वैशाली व सारण के निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है. बक्सर प्रतिनिधि के अनुसार अखौरीपुर गोला के पास चौसा-मोहनियां हाइवे पर एक फुट तक बाढ़ का पानी चढ़ गया है.
साथ ही बाढ़ का पानी थर्मल पावर एरिया समेत महर्षि च्यवन महाविद्यालय के कैंपस में घुस गया है . सड़क पर बह रहे बाढ़ के पानी से छोटी वाहनों का परिचालन कभी भी ठप हो सकता है. हाजीपुर प्रतिनिधि के अनुसार गंगा का पानी राघोपुर के दियारे में फैल गया है. गंगा नदी के किनारे खेतों में लगी फसल डूब गयी.
साथ ही कच्ची दरगाह बिदुपुर निर्माणाधीन सिक्स लाइन पुल तक पानी पहुंच गया है. सारण प्रतिनिधि के अनुसार गंगा व सरयू नदियों के जल स्तर बढ़ने से निचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं डुमरी की सिंगही तथा मुसेपुर पंचायतों के कई गांवों का संपर्क बाढ़ के दिनों में टूटकर टापू में तब्दील हो जाता है, जहां बाढ़ के समय एक मात्र सहारा नाव ही होती है. लगातार जल स्तर की वृद्धि से लोग दहशत में हैं.

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