पटना : पीएमसीएच के ब्लड बैंक में कर्मचारियों की कमी

24 घंटे मरीजों को देनी है राहत, लेकिन मात्र आठ कर्मचारी कर रहे हैं काम, 25 की है जरूरत पटना : पीएमसीएच का ब्लड बैंक इन दिनों खुद मदद की राह देख रहा है. यहां खून की कमी नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की कमी सिस्टम पर भारी पड़ रही है. पटना मेडिकल कॉलेज का ब्लड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2019 5:55 AM
24 घंटे मरीजों को देनी है राहत, लेकिन मात्र आठ कर्मचारी कर रहे हैं काम, 25 की है जरूरत
पटना : पीएमसीएच का ब्लड बैंक इन दिनों खुद मदद की राह देख रहा है. यहां खून की कमी नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की कमी सिस्टम पर भारी पड़ रही है. पटना मेडिकल कॉलेज का ब्लड बैंक 24 घंटे मरीजों को राहत देने के लिए बनाया गया है, लेकिन यहां केवल आठ कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसमें दो मेडिकल अफसर, पारा मेडिकल कर्मचारी और नर्स शामिल हैं. जबकि रात दिन काम करने के लिए कम से कम 25 कर्मचारियों की आवश्यकता है.
चीफ मेडिकल अफसर इसी महीने रिटायर करने वाले हैं. कर्मचारियों की कमी के कारण 24 घंटे की सेवा कभी भी बंद हो सकती है. इसी साल जनवरी में दो कर्मियों की नियुक्ति हुई थी. जिसके बाद संख्या बढ़कर पांच की हुई थी. पर अब भी 17 पद खाली हैं. सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश हिसारिया कहते हैं कि 2018 के सर्कुलर में कहा गया था कि हर हाल में ब्लड बैंक में कर्मचारियों की कमी नहीं होगी लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है.
यहां लगातार कम होते गये स्टाफ, जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान
बिहार के सबसे बड़े ब्लड बैंक पीएमसीएच में स्टाफ की कमी की वजह से स्थिति बदतर होती जा रही है. पटना में सरकारी ब्लड बैंक की हालत ऐसी खराब नहीं होती यदि कर्मचारियों को लेकर जिम्मेदारों ने बहुत पहले से ही गंभीरता दिखाई होती.
यहां पूरे प्रदेश के मरीजों का लोड रहता है लेकिन व्यवस्था इसके बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है. पटना और आस-पास जिलों के साथ प्रदेश के दूर दराज से भी लोग इलाज कराने आते हैं और ब्लड के लिए उन्हें भटकना पड़ता है. इस ब्लड बैंक में नये कर्मचारी तो नहीं ही आये. यहां से ट्रांसफर गये कर्मचारियों की जगह जो खाली हुई उसकी भी भरपाई नहीं हो पायी. जगह की भरपाई नहीं होने से धीरे धीरे स्टाफ कम होते गये.
ब्लड बैंक में स्टाफ की कमी है लेकिन इसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. मैन पावर कम होने के बाद भी 24 घंटे व्यवस्था चलती है. हमने सरकार से कहा है कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की नियुक्ति की जाये. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी जायेगी.
-डॉ राजीव रंजन प्रसाद, अधीक्षक, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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