मार्च 2020 तक शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य

पटना : बिहार के 33 जिले जहां फ्लोराइड,आर्सेनिक व आयरन की मात्रा पानी में अधिक है, वैसे 5701 वार्डों में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम मार्च , 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय था, लेकिन विभागीय सुस्ती के काारण महज तीस फीसदी ही ट्रीटमेंट का काम हो पाया है. नल जल योजना में रसायन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2019 7:39 AM

पटना : बिहार के 33 जिले जहां फ्लोराइड,आर्सेनिक व आयरन की मात्रा पानी में अधिक है, वैसे 5701 वार्डों में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम मार्च , 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय था, लेकिन विभागीय सुस्ती के काारण महज तीस फीसदी ही ट्रीटमेंट का काम हो पाया है. नल जल योजना में रसायन युक्त वार्डों में काम की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है.

पानी की शुद्धता के लिए 30 प्रतिशत ही हुआ ट्रीटमेंट प्लांट का काम : दूषित पानी वाले इलाके में घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करना था, लेकिन अभी ट्रीटमेंट प्लांट का काम अधिकांश जगहों पर शुरू नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि नालंदा, सासाराम, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा,भागलपुर,मुंगेर, बांका, शेखपुरा में फ्फ्लोराइड युक्त पानी मिल रहा है.
वहीं आर्सेनिक प्रभावित जिलों में बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लक्खीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, सीतामढ़ी शामिल है. आयरन युक्त पानी वाले जिलों में बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज के नाम हैं.

Next Article

Exit mobile version