लॉ कॉलेज को जांचकर लाैटी नैक की टीम

पटना : पटना लॉ कॉलेज में नैक की टीम दूसरे दिन भी कॉलेज में घूम-घूम कर दिन भर जायजा लेती रही. इसके अलावा यह टीम कॉलेज के हॉस्टल में भी गयी और वहां छात्रों से उनकी समस्याओं का जाना. टीम ने पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं से उनके राय व सुझाव लिये. इसके बाद अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2019 7:46 AM

पटना : पटना लॉ कॉलेज में नैक की टीम दूसरे दिन भी कॉलेज में घूम-घूम कर दिन भर जायजा लेती रही. इसके अलावा यह टीम कॉलेज के हॉस्टल में भी गयी और वहां छात्रों से उनकी समस्याओं का जाना. टीम ने पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं से उनके राय व सुझाव लिये.

इसके बाद अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से भी नैक की टीम ने अलग-अलग संवाद किया और उनकी राय जानी. इस दौरान कॉलेज प्रशासन के किसी भी सदस्य को सभागार में जाने की इजाजत नहीं थी. इस लंच आवर से थोड़ा पहले कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह भी कॉलेज पहुंचे और नैक टीम से मुलाकात की. उनके बीच काफी लंबी बातचीत हुई.
कॉलेज के विकास में जरूरी योगदान का पूर्ववर्ती छात्रों ने दिलाया भरोसा
नैक की टीम ने पूर्ववर्ती छात्रों से कॉलेज के संबंध में काफी कुछ जानकारी ली. पूर्ववर्ती छात्रों ने कहा कि कॉलेज के विकास में जरूरी योगदान के लिए एलुमनाइ तैयार हैं. टीम यह देखकर काफी खुश थी कि कई बड़े जज व एडवोकेट इस कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र हैं. पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा भी कॉलेज के संबंध में अच्छा ही फीडबैक दिया गया.
हालांकि इस दौरान कुछ समस्याओं की ओर पूर्ववर्ती छात्रों ने इंगित किया. नैक की टीम ने राय और सुझाव को कलमबद्ध किया. पटना हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मृदुला मिश्रा, जस्टिस विकास जैन, जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय, जेएसडी प्रवक्ता सह अधिवक्ता डॉ सुमंत राव, पूर्व विधायक इजहार आलम, एडवोकेट मोहम्मद शाहिद अख्तर, रिसर्च स्कॉलर प्रत्यूष कुमार शामिल थे.
डॉ सुमंत ने तीन प्रस्तावों को मजबूती से रखा. एक सप्ताह में एक दिन सिविल सर्विसेज और ज्यूडिशियल सर्विसेज से जुड़े हुए पाठ्यक्रम की स्पेशल पढ़ाई कराने की बात कही.
इसके अतिरिक्त ज्यूडिशियल सर्विसेज से जुड़े व्याख्यान, लीडरशिप डेवेलपमेंट की बात कही. पटना लॉ कॉलेज के किसी भी प्रोफेसर को किसी भी राजनीतिक दल की सदस्यता लेने पर पूरी तरह से रोक की बात भी उठी. कई सारी बातों को टीम ने अपने प्रश्नों से क्रॉस चेक किया.
यूजी-पीजी को लेकर कन्फ्यूज थी टीम
यूजी-पीजी को लेकर भी टीम कन्फ्यूज थी, तो कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह ने उन्हें स्पष्ट किया कि यहां कॉलेज कैंपस में ही पीजी विभाग है, लेकिन वह विश्वविद्यालय से सीधे संचालित होती है. कॉलेज में सिर्फ एलएलबी की ही पढ़ायी होती है.
हॉस्टल में घूमने के दौरान टीम ने अब भी मरम्मती का काम चलता देख कहा कि, लगता है नैक की तैयारी अब भी चल ही रही है. अंत में टीम ने कॉलेज में ही बैठ कर काफी देर तक रिपोर्ट भी तैयार की. फिर कॉलेज प्रशासन, शिक्षकों व छात्रों से फॉर्मल मीटिंग के बाद टीम कॉलेज से रवाना हो गयी.

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