बोर्डिंग लिये यात्री खोज रहे थे सीट, हो गया कब्जा

पटना : एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल डिब्बे में चढ़ने को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं बने. इसको लेकर दानापुर रेलमंडल प्रशासन ने जनरल टिकट लिये यात्रियों के लिए फोर अनरिजर्व्ड बोर्डिंग (पीयूआरबी) नामक नयी सुविधा की शुरुआत की. इस सुविधा के अनुसार पहले बोर्डिंग पास लेने वाले यात्रियों को जनरल डिब्बे में आसानी से सीट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2019 7:50 AM

पटना : एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल डिब्बे में चढ़ने को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं बने. इसको लेकर दानापुर रेलमंडल प्रशासन ने जनरल टिकट लिये यात्रियों के लिए फोर अनरिजर्व्ड बोर्डिंग (पीयूआरबी) नामक नयी सुविधा की शुरुआत की.

इस सुविधा के अनुसार पहले बोर्डिंग पास लेने वाले यात्रियों को जनरल डिब्बे में आसानी से सीट उपलब्ध हो जायेगी. लेकिन, रेलवे प्रशासन ने आधी-अधूरी तैयारी के साथ नयी सुविधा की शुरुआत की है. शनिवार को नयी सुविधा का जायजा लेने पहुंचने पर व्यवस्था अस्त-व्यस्त दिखी. बोर्डिंग पास लिये यात्री सीट खोज रहे थे और बिना बोर्डिंग पास वाले यात्री आराम से सीट पर बैठे दिखे.
17 नंबर काउंटर पर थी पास की व्यवस्था
रेलवे प्रशासन ने जनरल टिकट काउंटर के बगल में ही काउंटर नंबर-17 सुरक्षित किया है, जहां ट्रेनों के खुलने से चार घंटा पहले बोर्डिंग पास देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. लेकिन, शनिवार को पटना जंक्शन से खुलने वाली ट्रेन संख्या 12742 पटना-वास्को डि गामा एक्सप्रेस के खुलने का समय दो बजे निर्धारित है.
ट्रेन खुलने से एक घंटा पहले प्लेटफॉर्म संख्या दो पर आयी और उसी समय ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने और बोर्डिंग पास लेने की घोषणा की गयी. घोषणा होते ही दर्जनों यात्री बोर्डिंग पास लेने पहुंचे. लेकिन, सैकड़ों यात्री बिना बोर्डिंग पास लिये ही जनरल डिब्बे में मारामारी कर चढ़ गये और उन्होंने सीट पर कब्जा कर लिया.
पास लेकर सीट के लिए भटकते रहे यात्री
झारखंड के दुमका जिले के रहने वाले प्रह्लाद ने गोवा जाने के लिए जनरल टिकट लिया. टिकट लेने के बाद बोर्डिंग पास लिया और ट्रेन के जनरल डिब्बे के पास पहुंचा, तो एक भी सीट खाली नहीं थी. प्रह्लाद कहते हैं कि बोर्डिंग पास लेने के चक्कर में सीट नहीं मिली. बोर्डिंग पास लेने का क्या फायदा. यही स्थिति भागलपुर से आये रजी अहमद की है. रजी अहमद भी बोर्डिंग पास लेकर ट्रेन में चढ़ने पहुंचे. लेकिन, सीट नहीं मिली और धक्का-मुक्की कर चढ़ने को मजबूर हुए.

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