पीपीयू : 12 कॉलेजों का नैक आवेदन रद्द

सिर्फ जेडी वीमेंस कॉलेज और बाढ़ के एएनएस कॉलेज में होगी नैककी प्रक्रिया पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में कुल 14 कॉलेजों ने नैक से मान्यता के लिए एसएसआर फाइल किया था. लेकिन उसमें से सिर्फ दो कॉलेजों को ही यूजीसी के द्वारा नैक टीम विजिट के लिए सेलेक्ट किया है. बाकी के आवेदन रद्द कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2019 9:25 AM
सिर्फ जेडी वीमेंस कॉलेज और बाढ़ के एएनएस कॉलेज में होगी नैककी प्रक्रिया
पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में कुल 14 कॉलेजों ने नैक से मान्यता के लिए एसएसआर फाइल किया था. लेकिन उसमें से सिर्फ दो कॉलेजों को ही यूजीसी के द्वारा नैक टीम विजिट के लिए सेलेक्ट किया है. बाकी के आवेदन रद्द कर दिये गये हैं और वे अब अगले वर्ष ही आवेदन करेंगे.
दो कॉलेजों में पटना का जेडी वीमेंस कॉलेज व दूसरा बाढ़ का एएनएस कॉलेज शामिल हैं. आरपीएम कॉलेज, खगौल महिला कॉलेज, बीएस कॉलेज दानापुर, बख्तियारपुर महिला कॉलेज, गुरु गोविंद सिंह समेत 12 कॉलेजों का एसएसआर स्वीकृत नहीं हुआ है.
एक साल बाद एसएसआर करना होगा अपलोड
ऐसे कॉलेजों को एक बार फिर से तैयारी कर अगले वर्ष एसएसआर अपलोड करना होगा. मिली जानकारी के अनुसार ये कॉलेज नैक के लिए जरूरी मापदंडों पर खरे नहीं उतरते थे.
जो एसएसआर इनके द्वारा अपलोड किया गया, उसके संबंध में यूजीसी के द्वारा पूछताछ की गयी, लेकिन उक्त पूछताछ का जवाब उन कॉलेजों के द्वारा या तो दिया नहीं गया या दिया गया तो उससे यूजीसी संतुष्ट नहीं हुई. दोनों ही कॉलेजों में नवंबर में टीम का विजिट होगा. इसमें टीम कॉलेज का जायजा लेगी और अगर संतुष्ट होती है तो नैक की ग्रेडिंग मिलेगी. जेडी वीमेंस कॉलेज ने सेकंड सर्किल में आवेदन किया था. पहले उन्हें एक बार नैक ग्रेड मिला था. विवि के कुछ कॉलेज जैसे कॉलेज ऑफ कॉमर्स व एएन कॉलेज आदि नैक से एक ग्रेड मान्यता प्राप्त हैं. इनकी मान्यता अभी दो वर्ष और है. इसके बाद ये भी सेकेंड सर्किल में नये ग्रेड के लिए आवेदन करेंगे.
12 में से अधिकतर ने पहली बार किया आवेदन
आवेदन रद्द किये जाने वाले 12 कॉलेजों में ज्यादातर कॉलेज ऐसे थे, जिन्होंने पहले सर्किल में यानी कि पहली बार ही नैक के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया.
वर्तमान में नैक के नियम काफी सख्त हो गये हैं और अगर कॉलेज के पास यूजीसी के मापदंडों के अनुसार सुविधाएं या व्यवस्था नहीं है तो यूजीसी उसे तुरंत रिजेक्ट कर देती है. अगर टीम विजिट हो भी गया तो उसके बाद भी ए ग्रेड के लिए हर तरह से परिपूर्ण होना आवश्यक है. थोड़ी भी कमी दिखी तो बी या सी ग्रेड यूजीसी के द्वारा दिया जा रहा है.

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