पटना : बिहार में विधानसभा की पांच सीटों के लिए अगले महीने उपचुनाव होने हैं और विपक्षी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) प्रमुख जीतन राम मांझी ने सोमवार को उनमें से एक सीट पर अपनी दावेदारी पेश की. पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने हाल ही में महागठबंधन से निकलने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी निश्चित रूप से भागलपुर जिले की नाथनगर सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगी. यह सीट जदयू के मौजूदा विधायक अजय मंडल के लोकसभा के लिए निर्विचित हो जाने के कारण खाली हुई है.
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में हमने खाली हुए पांच विधानसभा क्षेत्रों में से किशनगंज और नाथनगर सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. मैंने इस बारे में तेजस्वी यादव (राजद नेता) से भी बात की थी. पर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि किशनगंज गठबंधन सहयोगी कांग्रेस की सीट थी, हमने उस पर अपना दावा छोड़ दिया है, लेकिन हम नाथनगर से चुनाव लड़ेंगे. हर हालत में लड़ेंगे.”
मांझी ने कहा कि हमने अपने गठबंधन सहयोगियों को इससे अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि नाथनगर से हमें जीत का भरोसा है और हम वहां एक सार्वजनिक सभा का आयोजन करने जा रहे हैं. महागठबंधन में अभी राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और बॉलीवुड सेट डिजाइनर से नेता बने मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी शामिल हैं.
जीतनराम मांझी भाजपा नीत राजग को छोड़ने के बाद जुलाई 2017 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे और राजग में शामिल रहे कुशवाहा मांझी के 10 महीने बाद गठबंधन में शामिल हुए थे. मांझी ने दो महीने पहले महागठबंधन पर अपनी पार्टी को कमतर आंके जाने का आरोप लगाया था और अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की धमकी दी थी.
हालांकि, महागठबंधन सूत्रों ने जोर दिया कि जब गठबंधन के सभी घटक दल आगामी उपचुनावों पर चर्चा के लिए साथ बैठेंगे तो चीजें सौहार्दपूर्वक हल कर ली जाएंगी. नाथनगर और किशनगंज के अलावा सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा और बेलहर विधानसभा सीट तथा समस्तीपुर संसदीय सीट के लिए भी उपचुनाव होने हैं. समस्तीपुर सीट लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के कारण खाली हो गयी थी. लोकसभा चुनावों में महागठबंधन को करारी हार झेलनीपड़ी थी और बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा था.