पटना :ऑपरेशन टले, मरीज बिना इलाज के लौटे
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित : जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से दिन भर परेशान रहे मरीज पटना : सोमवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हुईं स्वास्थ्य सेवाएं शाम पांच बजे के बाद पटरी पर आ गयी. इस बीच सुबह से इलाज के लिए आये […]
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित : जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से दिन भर परेशान रहे मरीज
पटना : सोमवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हुईं स्वास्थ्य सेवाएं शाम पांच बजे के बाद पटरी पर आ गयी. इस बीच सुबह से इलाज के लिए आये मरीज और उनके तीमारदार ओपीडी, आइपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इलाज कराने में हलकान रहे. अस्पताल के विभिन्न विभागों में जहां दस से ज्यादा ऑपरेशन टालने पड़े, वहीं इमरजेंसी से लोग बाहर निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर रहे.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ हुई वार्ता के बाद जूनियर डॉक्टर शाम पांच बजे काम पर लौटे. उसके बाद से सेवाएं काफी हद तक सामान्य हो गयी. इस बीच पीएमसीएच प्रबंधन का कहना है कि सिविल सर्जन से 50 अतिरिक्त डॉक्टर मांगे गये थे, जिनकी प्रतिनियुक्ति अलग अलग विभागों में कर दी गयी थी, इसके कारण सबकुछ सामान्य रहा. ओपीडी में कुल 1921 मरीजों का निबंधन हुआ. वहीं, आइपीडी में 380 मरीजों की भर्ती ली गयी. इमरजेंसी में कुल 380 निबंधन किये गये.
आइएमए ने भी किया जूनियर डॉक्टरों का समर्थन : इधर आइएमए की ओर से भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि इंटर्न को भूमिका के मुताबिक मानदेय बढ़ाये जाने की जरूरत है. राज्य सरकार इस दिशा में काम करे. अध्यक्ष शालिग्राम विश्वकर्मा, वरीय उपाध्यक्ष अजय कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों ने बयान जारी कर कहा कि समान वेतनमान, भत्ते के केंद्र के नियमों के मुताबिक कदम उठाना चाहिए.
बाहर जाते दिखे मरीज
सोनपुर से आयी सुमंती देवी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया था, उनके परिजन उनको बाहर ले जाते हुए गेट पर मिले. उनके परिजन मनीष ने बताया कि यहां इलाज नहीं हो रहा है, तो हमलोग इन्हें बाहर लेकर जा रहे हैं.
नहीं हुई डॉक्टरों की विजिट
ऑर्थो की आइपीडी में सोनू अालम मिले. पालीगंज के सोनू पैर में फ्रैक्चर के कारण भर्ती हैं. यहां दो बजे दिन तक डॉक्टर का रूटीन विजिट नहीं हुआ. सोनू ने बताया कि केवल नर्स आयी थी और चेक कर गयी है. बुद्धा कॉलोनी के बिरजू ने भी हमें यही परेशानी बतायी.
क्या कहते हैं अधिकारी
हड़ताल को देखते हुए
उपाधीक्षक के साथ अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष पूरी तरह मुस्तैद थे. प्राइवेट अस्पतालों के दलालों पर पूरी तरह अंकुश रखा गया. हमारे यहां सामान्य दिनों की तरह ही सोमवार को भी मरीजों का निबंधन किया गया है. हड़ताल खत्म होने के बाद शाम से सभी सेवाएं सामान्य हो गयीं.
-डॉ राजीव रंजन,
अधीक्षक, पीएमसीएच
इस दौरान पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी, इमरजेंसी इंचार्ज डॉ अभिजीत
सिंह और स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार ने विभिन्न विभागों का जायजा भी लिया. इसके बाद प्राचार्य ने मीडियाकर्मियों से स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य रहने का दावा भी किया. उन्होंने बताया कि सभी जगह मेडिकल अफसर के साथ सीनियर रेजिडेंट तैनात हैं. हड़ताल से निबटने के लिए पूरी रणनीति के साथ हमलोग काम कर रहे हैं और स्थिति शांतिपूर्ण रही. शाम में हड़ताल तोड़ने की खबर भी आ गयी, यह अच्छा हुआ है.
जूनियर हड़ताल पर, सीनियर ने संभाला कामकाज
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन बिहार के आह्वान पर सोमवार की सुबह आठ बजे से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये. डॉक्टरों ने अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर विरोध -प्रदर्शन करते हुए धरना दिया. धरने की अध्यक्षता जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन बिहार के संयोजक सह एनएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमण ने की.
सुबह में आंदोलनकारी चिकित्सकों ने काजकाम बाधित कराने की चेष्टा की, लेकिन सीनियर डॉक्टरों के कमान संभालते ही ओपीडी सेवा बहाल हो गयी. हालांकि, हड़ताल के कारण बीस ऑपरेशन टाल दिये गये. केंद्रीय पंजीयन काउंटर के कर्मियों की मानें तो सोमवार को उपचार कराने के लिए 1800 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंचे थे.
इनमें 1325 नये व 250 पुराने के साथ एक दर्जन से अधिक मरीज को भर्ती किया गया था. जानकारों की मानें तो हड़ताल की वजह से सोमवार को बीस मरीजों का आॅपरेशन टालना पड़ा . इनमें 13 सर्जरी विभाग में, पांच इनएटी विभाग में व दो आॅपरेशन आॅर्थो में टाले गये. हालांकि, नेत्र व गायनी विभागों में आॅपरेशन होने की बात कही जा रही है.
अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर व उपाधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण ने बताया कि अस्पताल में मरीजों का उपचार सामान्य दिनों की तरह सीनियर डॉक्टरों ने किया. कुछ आॅपरेशन टले हैं, जिनकाे शीघ्र करा दिया जायेगा. हालांकि, प्रधान सचिव से हुई वार्ता व कमेटी के गठन के उपरांत शाम में हड़ताली जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आये.