केंद्र ने लगाया प्रतिबंध, फिर भी बिहार के बाजार में बिक रहे 12 खतरनाक कीटनाशक

अनिकेत, पटना : केंद्र सरकार ने जिन खतरनाक कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा रखा है, वे बिहार के बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं. पटना सहित राज्य के कई बड़े शहरों में लोग इसे बेहिचक खरीद और बेच रहे हैं. एक पहले लगाये गये प्रतिबंध के बावजूद बाजार में बेनोमाइल, कार्बाराइल, डायजिनोन, फेंथिओन, फेनारिमोल, लिनुरोन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2019 5:27 AM

अनिकेत, पटना : केंद्र सरकार ने जिन खतरनाक कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा रखा है, वे बिहार के बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं. पटना सहित राज्य के कई बड़े शहरों में लोग इसे बेहिचक खरीद और बेच रहे हैं. एक पहले लगाये गये प्रतिबंध के बावजूद बाजार में बेनोमाइल, कार्बाराइल, डायजिनोन, फेंथिओन, फेनारिमोल, लिनुरोन, मैनेक्सी, मैथोर्क्सीथाइल मरकरी क्लोराइड, मिथाइल पैराथियोन, सोडियम साइनाइड, थियोमेट व ट्राइडेमोर्फ कीटनाशक विभिन्न कंपनियों के ब्रांड में उपलब्ध हैं. खास बात है कि इनका उपयोग एक बार किये जाने के बाद कम-से-कम 50 वर्ष तक जमीन व भू-जल पर इनका दुष्प्रभाव रहता है.

राज्य में दुष्प्रभाव का अध्ययन नहीं
चिकित्सीय जांच या केंद्र स्तर पर जांच के बाद यह सामने आयी है कि खतरनाक कीटनाशकों के उपयोग से कैंसर से लेकर कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. लेकिन, राज्य में इसको लेकर कोई सर्वे या अध्ययन नहीं हो रहा है. कृषि विभाग से लेकर अन्य किसी सरकारी एजेंसियों ने इस पर काम नहीं किया है.
पौधा संरक्षण के संयुक्त निदेशक दिनेश प्रसाद बताते हैं कि केंद्र सरकार के पुराने सर्वे को ही मानक बनाकर खतरनाक कीटनाशकों के दुष्प्रभाव का आकलन किया जाता रहा है. उर्वरक जांच के लिए मृदा योजना चलायी जा रही है. लेकिन, किस कीटनाशक से राज्य में जमीन पर क्या असर पड़ा है, इसकी सटीक जानकारी नहीं है.
अगले साल दिसंबर तक इन पर भी लगाना है बैन
उपरोक्त 12 खतरनाक कीटनाशक के अलावा अलाक्योर, डाइक्लोरोवास, फोरेट, फोस्फामिडोन, ट्रायाजोफोस, ट्राइक्लोरोफोर्न की भी बिक्री पर दिसंबर, 2020 तक रोक लगा देनी है. इस वर्ष एक जनवरी से इसके उत्पादन नहीं करने का निर्देश है.
एक वर्ष पहले 12 खतरनाक कीटनाशकों पर लगाया गया था प्रतिबंध
1 बेनोमाइल
2.कार्बाराइल
3.डायजिनोन
4.फेंथिओन
5.फेनारिमोल
6.लिनुरोन
7.मैनेक्सी
8.मैथोर्क्सीथाइल मरकरी क्लोराइड
9.मिथाइल पैराथियोन
10.सोडियम साइनाइड
11.थियोमेट
12. ट्राइडेमोर्फ
इन बीमारियों के कारण हैं ये कीटनाशक
कीटनाशक के प्रयोग से कैंसर, लिवर सिरोसिस, किडनी का फेल होना जैसी अन्य गंभीर बीमारियों में इजाफा हो रहा है. मरीज बढ़ने मेें इनका पांच से 10% तक योगदान है.
100 साल तक रहता है असर
पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ मनोज कुमार बताते हैं कि देश स्तर पर कई बार सेमिनार या अन्य माध्यमों से खतरनाक कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी मिलती रही है. इनका असर ऐसा है कि अगर एक बार खेतों में इनका उपयोग हो जाये, तो इसके दुष्प्रभाव जमीन से लेकर भू-जल में 50 से 100 वर्ष तक देखे जाते हैं.

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