पटना : कॉलेजियम में 15 वकीलों के नाम को चुनौती वाली याचिका पर हुई सुनवाई

पटना : हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा भेजे गये 15 वकीलों के नाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को अधूरी रही. जजों की खंडपीठ अगली सुनवाई 23 अक्तूबर को करेगी. खंडपीठ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय को कहा कि अगली सुनवाई पर वह कोर्ट में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2019 9:48 AM
पटना : हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा भेजे गये 15 वकीलों के नाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को अधूरी रही. जजों की खंडपीठ अगली सुनवाई 23 अक्तूबर को करेगी. खंडपीठ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय को कहा कि अगली सुनवाई पर वह कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए स्थिति स्पष्ट करें.
याचिकाकर्ता दिनेश की जनहित याचिका में कहा गया है कि बिना व्यापक विचार विमर्श और पारदर्शिता बरते कॉलेजियम ने 15 वकीलों का नाम जज बनाने के लिए अनुशंसा कर भेज दिया है. इन नामों को भेजने के पहले सभी वर्गों के नामों पर विचार नहीं करते हुए खास वर्ग के लोगों का सात से ज्यादा नाम भेज दिया है.
इतना ही नहीं एक ऐसे अधिवक्ता का नाम भी भेजा है, जो पटना हाइकोर्ट के वकील नहीं हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता की सुनवाई की योग्यता पर जवाब देने के लिए निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट के पुनर्विचार के अधिकार को भी स्पष्ट करने को कहा था. पटना हाइकोर्ट की तरफ से अधिवक्ता बिंध्याचल सिंह ने कहा कि जो भी नाम जज बनाने के लिए भेजा है, उस पर विचार करने के बाद और उन अधिवक्ताओं की योग्यता को देखते हुए भेजा गया है..
संशोधित मोटर वाहन एक्ट को जनहित याचिका मानने से इनकार: संशोधित मोटर वाहन कानून के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए भाजपा नेता अर्जित शाश्वत की तरफ से दायर जनहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को इसे जनहित याचिका मानने से इनकार कर दिया.
जज शिवाजी पांडेय और जज पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह इस याचिका के कुछ प्रावधानों को संशोधित करें, ताकि इसकी सुनवाई एकल पीठ में की जा सके. कोर्ट ने कहा कि यह लोकहित का मामला नहीं है. याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के बाद इस याचिका को व्यक्तिगत रिट याचिका में तब्दील करने की अनुमति मांगी, जिसकी मंजूरी खंडपीठ ने दी . अब इस पर एकलपीठ सुनवाई करेगी.

Next Article

Exit mobile version