बढ़ती जनसंख्या दूसरे चरण के कैंसर की तरह, कड़ा कानून से नियंत्रित नहीं किया गया तो हो जायेगा लाइलाज : गिरिराज सिंह

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारत की बढ़ती जनसंख्या की तुलना ‘कैंसर के दूसरे चरण’ से की है. साथ ही उन्होंने इसे नियंत्रित करने के लिए एक कड़ा कानून बनाये जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह चौथे चरण में चली जायेगी और लाइलाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2019 11:39 AM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारत की बढ़ती जनसंख्या की तुलना ‘कैंसर के दूसरे चरण’ से की है. साथ ही उन्होंने इसे नियंत्रित करने के लिए एक कड़ा कानून बनाये जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह चौथे चरण में चली जायेगी और लाइलाज हो जायेगी. भाजपा के कट्टर हिंदुत्ववादी नेता सिंह ने यहां जनसंख्या नियंत्रण पर एक संगोष्ठी में कहा कि एक कड़ा कानून लागू करना आवश्यक है. जो लोग इसका उल्लंघन करते हैं, तो उनके लिए मतदान के अधिकारों को रद्द करने और आर्थिक प्रतिबंध जैसे दंड का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपायों का विरोध करनेवालों ने धर्म को बीच में डाल दिया.

गिरिराज सिंह ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के बीच प्रजनन दर बहुसंख्यक से बहुत अधिक है. उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि जहां भी बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में गिरावट आयी है, वहां सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है. देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देश में हर साल दो करोड़ बच्चे पैदा हो रहे हैं. सिंह ने कहा, ”बढ़ती जनसंख्या दूसरे चरण का कैंसर बन गयी है. यह नियंत्रित नहीं है, यह बीमारी चौथे चरण में चली जायेगी और लाइलाज बन जायेगी.” उन्होंने कहा कि चीन की तरह भारत को भी कड़ा कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इसकी विस्फोटक वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपायों की वकालत की थी. परिवार को पालना भी देशभक्ति का कार्य है. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त की है. सिंह ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने के लिए लोगों के आंदोलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह इस तरह की यात्रा करेंगे, जो 11-13 अक्टूबर के दौरान मेरठ से दिल्ली तक आयोजित होगी.

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