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बारिश के बाद सावधान! अब बीमारियों का खतरा, डेंगू, मलेरिया, डायरिया, चिकनगुनिया से रहें सतर्क
पटना : बारिश रुकने के बाद अब अगले एक सप्ताह तक कम से कम जलजमाव बने रहने की संभावना है और यह स्थिति बीमारियों को दावत देगा. बीमारियों में डेंगू, मलेरिया, डायरिया, हैजा, चिकनगुनिया बुखार से लेकर चर्म रोग शामिल हैं. बारिश के बाद लगभग सभी मुहल्ले में पानी रुका हुआ है वहां पर दवाओं […]
पटना : बारिश रुकने के बाद अब अगले एक सप्ताह तक कम से कम जलजमाव बने रहने की संभावना है और यह स्थिति बीमारियों को दावत देगा. बीमारियों में डेंगू, मलेरिया, डायरिया, हैजा, चिकनगुनिया बुखार से लेकर चर्म रोग शामिल हैं.
बारिश के बाद लगभग सभी मुहल्ले में पानी रुका हुआ है वहां पर दवाओं के छिड़काव करने के साथ ही किरासन तेल भी डालना होगा. फिजिसियन डॉ राजकिशोर शर्मा ने बताया कि बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी व कीचड़ जमा होने के कारण उसमें मच्छर व तरह-तरह के बैक्टीरिया पैदा होते है जो कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दावत देते है, इसके अलावा मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते है, जो पानी को दूषित कर बीमारियों का कारण बनते है. वहीं जलजमाव के कारण पानी सड़ेगा और इससे स्कीन रोग की भी समस्या होगी. स्कीन रोग विशेषज्ञ डॉ विकास शंकर ने बताया कि इन दिनों में फंगल और बैक्टेरियल इन्फेक्शन होना तय है. इस कारण पानी में जाने के पहले तेल लगाकर निकलें.
पानी में पनपता है डेंगू व मलेरिया फैलाने वाला मच्छर : डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है. वहीं मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है.
यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलती है. वहीं प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थो से डायरिया फैलता है. इस मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है. इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं.
यह प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थो के सेवन के कारण होता है. चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण जोड़ों पर होता है, जिनमें तेज दर्द होता है. वरीय फिजिसियन डॉ अभिजीत सिंह ने बताया कि सभी बीमारियों का कारण जलजमाव है, जिससे बचने के लिए जलजमाव न होने देने का प्रयास करना होगा.
पीएमसीएच में आम दिनों के मुकाबले पहुंचे महज एक चौथाई मरीज
पटना : राजधानी में जलजमाव के कारण स्वास्थ्य सेवाओं तक आमलोग नहीं पहुंच पा रहे हैं. पीएमसीएच में सोमवार को केवल 657 मरीज ही ओपीडी में आ पाये जबकि आम दिनों में औसतन 2500 मरीज यहां पहुंचते हैं.
वहीं इमरजेंसी में 342 लोगों ने पहुंचकर अपना इलाज कराया, जहां भी औसत 400 से 500 मरीज पहुंचते हैं. पीएमसीएच प्रबंधन के मुताबिक ओपीडी में औसत से काफी कम मरीज पहुंचे हैं, इसका कारण जलजमाव ही है.
वहीं गर्दनीबाग, राजेंद्र नगर और राजवंशी नगर अस्पतालों में जलजमाव होने के कारण इलाज होने में दूसरे दिन भी परेशानी आयी. डॉक्टर यहां ड्यूटी के लिए पहुंचे, लेकिन मरीज काफी कम संख्या में आ सके. गार्डिनर रोड अस्पताल में रविवार को सौ से ज्यादा मरीज आये, जिसमें बुखार के रोगी ज्यादा था. शहर के प्राइवेट अस्पतालों में अब भी बुरा हाल है.
सोमवार को 13 डेंगू रोगी मिले
पटना : पीएमसीएच में 30 सितंबर को कुल 13 डेंगू रोगी मिले जिसमें से 8 पटना के हैं. इसके अलावा मधुबनी, दरभंगा, सारण, औरंगाबाद और भोजपुर जिले के एक एक रोगी मिले. पीएमसीएच प्रबंधन के मुताबिक इस सीजन में अब तक कुल 529 रोगी डेंगू के मिल चुके हैं. वहीं चिकुनगुनिया के 20 और जेई के 46 रोगी मिले. पिछले दो दिनों में चिकुनगुनिया के नये मरीज नहीं मिले थे लेकिन सोमवार को एक रोगी मिला. इस बीच डेंगू का प्रभाव क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है.
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