बिहार व पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त कर किया गया गांधी का सपना साकार : सुशील मोदी

पटना :बिहारकी राजधानी पटना के ज्ञान भवन में आयोजित ‘गांधी विचार समागम’ के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में स्वच्छता दुनिया का सबसे बड़ा जनांदोलन बना है. यह सामान्य बात नहीं है कि अब गरीब आदमी भी अपने घरों में शौचालय बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2019 6:37 PM

पटना :बिहारकी राजधानी पटना के ज्ञान भवन में आयोजित ‘गांधी विचार समागम’ के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में स्वच्छता दुनिया का सबसे बड़ा जनांदोलन बना है. यह सामान्य बात नहीं है कि अब गरीब आदमी भी अपने घरों में शौचालय बना रहा है. जनसहभागिता से 5 साल में 10 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण कर खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल किया गया है जो बापू की 150 जयंती की सबसे बड़ी उपलब्धि है. बापू ने कहा था कि ‘राजनीतिक आजादी से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है.’ बिहार और देश को खुले में शौच से मुक्त कर उनके स्वच्छता के सपने को साकार किया गया है.

सुशील मोदी ने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति को आज लोकसभा व विधान सभाओं में जो आरक्षण मिला हुआ है वह गांधी और अम्बेदकर की देन है. गांधी ने दलितों को हिन्दू समाज से तोड़ने की अंग्रेजों की चाल विफल की. 17 अगस्त 1932 को कम्युनल अवार्ड की घोषणा के बाद यरवदा जेलमें बंद गांधी आमरण अनशन पर बैठ गए जहां 24 सितम्बर, 1932 को उनके और अम्बेकर के बीच पूणा समझौता हुआ जिसके तहत तय हुआ कि रिजर्व सीट पर दलित प्रत्याशी को केवल दलित नहीं पूरा समाज वोट देगा.

उन्होंने कहा कि गांधी ने दलितोद्धार और छुआछूत के खिलाफ 9 महीने तक देश में साढ़े बारह हजार मील की यात्रा कर दलितों के लिए मंदिरों के दरवाजे और पीने के पानी के तालाब-पोखर खुलवाये. बिहार में जब गांधी आए तो आरा और देवघर में उन पर हमले हुए. जब कोई सोच भी नहीं सकता था उस जमाने में गांधी ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी. देश को आजादी दिलाने के साथ गांधी ने अपने जीवन में इतना काम किया जो कल्पना से परे हैं. गांधी को कोई मार नहीं सकता है, उनके विचार आज भी प्रासंगिकहैं. दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश और बड़ा शहर होगा जहां गांधी की मूर्ति और उनके नाम पर सड़कें नहीं होंगी.

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