पटना: बारिश का पानी कई इलाकों से अभी निकल नहीं पाया है और स्थिति भयावह बनी हुई है. सुरक्षा दृष्टिकोण से डीएम कुमार रवि ने सरकारी व निजी स्कूलों,कोचिंग संस्थानों के अवकाश को बढ़ा दिया है. सभी शिक्षण संस्थान 3 और 4 सितंबर को बंद रहेंगे.
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गंगा और सहायक नदियों में घट रहा पानी, पुनपुन-कमला-परमान में उफान
पटना: बारिश का पानी कई इलाकों से अभी निकल नहीं पाया है और स्थिति भयावह बनी हुई है. सुरक्षा दृष्टिकोण से डीएम कुमार रवि ने सरकारी व निजी स्कूलों,कोचिंग संस्थानों के अवकाश को बढ़ा दिया है. सभी शिक्षण संस्थान 3 और 4 सितंबर को बंद रहेंगे. पटना. राज्य में कहलगांव और साहेबगंज के अलावा गंगा, […]
पटना. राज्य में कहलगांव और साहेबगंज के अलावा गंगा, सोन, घाघरा, गंडक, रुन्नी सैदपुर के अलावा बागमती, कोसी और महानंदा नदियों के जलस्तर में कमी हो रही है. वहीं पुनपुन, कमला बलान और परमान नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है. भोजपुर में पूर्वी गांगी नदी का बायां तटबंध बुधवार को टूट गया. इससे आसपास के इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है.
इससे आसपास के इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है. इस बांध को फिर से ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. जल संसाधन विभाग ने राज्य के अन्य तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर बक्सर, पटना के दीघाघाट और गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव और साहेबगंज में बुधवार को खतरे के निशान से ऊपर था.
इसमें से गुरुवार को कहलगांव में सात सेमी और साहेबगंज में दो सेमी की बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं सोन नदी का जलस्तर मनेर में खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर था, इसमें 13 सेमी की कमी हो सकती है. पुनपुन नदी का जलस्तर पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 283 सेमी ऊपर था, इसमें सात सेमी बढ़ोतरी हो सकती है.
घाघरा नदी दरौली, गंगपुरसिसवन और छपरा में खतरे के निशान से नीचे थी. इसमें कमी होने की संभावना है. गंडक नदी डुमरियाघाट और हाजीपुर में खतरे के निशान से नीचे थी, इसमें कमी होने की संभावना है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खगड़िया में खतरे के निशान से 170 सेमी ऊपर था, इसमें विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है.
बागमती नदी का जलस्तर रुन्नी सैदपुर में खतरे के निशान से 89 सेमी ऊपर था, इसमें 62 सेमी की कमी हो सकती है. अधवारा समूह की नदी में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है. कमला बलान का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 10 सेमी नीचे था, इसमें छह सेमी बढ़ोतरी हो सकती है. झंझारपुर में इसका जलस्तर खतरे के निशान से आठ सेमी नीचे था, इसमें 38 सेमी बढ़ोतरी हो सकती है.
कोसी नदी का जलस्तर बसुआ में खतरे के निशान से 81 सेमी नीचे था, इसमें 12 सेमी की कमी हो सकती है. बलतारा में इसका जलस्तर खतरे के निशान से 149 सेमी ऊपर था, इसमें 33 सेमी की कमी हो सकती है. कुरसेला में इसका जलस्तर खतरे के निशान से 160 सेमी ऊपर था, इसमें विशेष परिवर्तन की उम्मीद नहीं है.
महानंदा नदी का जलस्तर ढेगराघाट पर खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर था, इसमें 52 सेमी की कमी होने की संभावना है. झावा में इस नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 47 सेमी ऊपर था, इसमें 27 सेंमी कमी की संभावना है. परमान नदी का जलस्तर अररिया में खतरे के निशान से 43 सेमी ऊपर था, इसमें 12 सेमी बढ़ोतरी की संभावना है.
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