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कैबिनेट की बैठक में कुल 12 एजेंडों पर लगी मुहर : जमीन व फ्लैट बिक्री के लिए जमाबंदी व होल्डिंग जरूरी

पटना : राज्य सरकार ने प्रदेश में जमीन और फ्लैटों की बिक्री या ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नंबर को अनिवार्य कर दिया है. जमीन या फ्लैटों की बिक्री में होनेवाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में […]

पटना : राज्य सरकार ने प्रदेश में जमीन और फ्लैटों की बिक्री या ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नंबर को अनिवार्य कर दिया है.
जमीन या फ्लैटों की बिक्री में होनेवाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार रजिस्ट्रीकरण (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2019 को स्वीकृति दी गयी. गजट नोटिफिकेशन होने के बाद यह लागू हो जायेगा. कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि नयी नियमावली के लागू होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वज या पिता के नाम की संपत्ति की बिक्री नहीं कर सकेगा.
मद्य,उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महानिदेशक अवधेश कुमार झा ने बताया कि यह प्रावधान शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों पर लागू होगा. उन्होंने बताया कि जमीन विवाद को लेकर यह संशोधन किया गया है. अब किसी भी जमीन या मकान की बिक्री करनेवाले व्यक्ति को पहले अपने नाम पर जमाबंदी कराना होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके नाम पर जमीन नहीं है, वे लोग सबसे पहले पारिवारिक बंटवारे कर संपत्ति अपने नाम पर कर लेंगे. निबंधन के समय पारिवारिक बंटवारे में शामिल सभी लोगों को रजिस्ट्रार के यहां उपस्थित होना अनिवार्य होगा.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों पर लागू
इसी तरह से शहरी क्षेत्रों में निजी जमीन और मकान होने की बिक्री या स्थानांतरण पर भी जमाबंदी और होल्डिंग नंबर होना अनिवार्य बना दिया गया है. बिना इसके शहरी क्षेत्र के निजी जमीन व मकान मालिक अपनी संपत्ति की बिक्री नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अपार्टमेंट या बिल्डरों के मामले में इस प्रावधान में कुछ छूट दी गयी है. बिल्डरों को आवंटियों को मालिकाना हक देने के लिए पहली बार संपत्ति के ट्रांसफर पर होल्डिंग नंबर देने की आवश्यकता नहीं है.
एससी व एसटी के छह छात्रावासों का होगा निर्माण
पटना : कैबिनेट की बैठक में राज्य में अनुसूचित जाति के चार और अनुसूचित जनजाति के दो छात्रावासों का निर्माण कराने का फैसला लिया गया. इन छह छात्रावासों में 720 विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था होगी.
छात्रावासों के निर्माण पर कुल 306 करोड़ खर्च होंगे. इस वित्तीय वर्ष में छात्रावास निर्माण के लिए कैबिनेट ने 91 करोड़ 80 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी है. इसी तरह से पर्यटन विभाग द्वारा श्री गुरु गोविंद सिंह जी की 350 वीं जयंती के अवसर पर स्थापित बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र व उद्यान का नाम अब प्रकाशपुंज कर दिया गया है.
अब इसके निर्माण पर 54 करोड़ 16 लाख 64 हजार खर्च होंगे. कैबिनेट द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसके निर्माण के लिए 28 करोड़ 72 लाख 64 हजार राशि उपलब्ध कराने पर सहमति दी गयी.
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि अन्य फैसलों में बिहार पुलिस क्षेत्रीय लिपिक संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्त ) नियमावली 2019 के गठन की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट द्वारा मो अब्दुल्लाह (भारतीय पुलिस सेवा) तत्कालीन बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारी को स्टाफ ऑफिसर (लेवल-13) के पद पर दी गयी वैचारिक प्रोन्नति के स्थान पर वित्तीय लाभ सहित प्रोन्नति 10 जून 2014- 10 अक्तूबर 2017 तक की अवधि के लिए स्टाफ ऑफिसर के एक अधिसंख्य पद पर दी गयी.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा केंद्रांश की राशि जारी करने की उम्मीद में राज्यांश मद में से 15 करोड़ की अग्रिम निकासी की स्वीकृति दी गयी. पथ प्रमंडल औरंगाबाद के तहत बारूण-नवीनगर पथ में कुल 35.10 किलोमीटर सड़क में मिट्टी कार्य, पथ परत कार्य, क्रॉस ड्रेन कार्य और आरसीसी कार्य के लिए कुल 49 करोड़ 99 लाख की स्वीकृति दी गयी.
भवन निर्माण विभाग के अभियंत्रण कोषांग, शिक्षा विभाग के समायोजन के आधार पर नियमित नियुक्त सहायक अभियंताओं की तदर्थ सेवा अवधि की गिनती कर उनको सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना (एमएसीपी) का लाभ देने पर सहमति दी गयी. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षकों के लिए एआइसीटी द्वारा अनुशंसित पुनरीक्षित वेतनमान पहली जनवरी, 2016 से देने पर सहमति दी गयी.

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