बिहार उपचुनाव : दरौंदा में फंसी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की प्रतिष्ठा

मिथिलेशपटना : सीवान जिले के दरौंदा विस उपचुनाव में इस बार जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है. एनडीए की ओर से जदयू ने सांसद कविता सिंह के पति अजय कुमार सिंह काे अपना उम्मीदवार बनाया है. महागठबंधन में राजद के उमेश कमार सिंह प्रत्याशी हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2019 4:23 AM

मिथिलेश
पटना :
सीवान जिले के दरौंदा विस उपचुनाव में इस बार जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है. एनडीए की ओर से जदयू ने सांसद कविता सिंह के पति अजय कुमार सिंह काे अपना उम्मीदवार बनाया है. महागठबंधन में राजद के उमेश कमार सिंह प्रत्याशी हैं. दोनों एक ही समुदाय से आते हैं. भाकपा-माले जयशंकर पंडित को खड़ा कर लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश कर रहा है. 21 अक्तूबर को यहां मतदान होना है. दरौंदा में मतदाताओं का मिला जुला रूख दिखता रहा है.

अजय सिंह की ताकत की बदौलत ही उनकी माता जगमातो देवी विधायक हुआ करती थी. उनकी निधन के बाद अजय सिंह ने आनन-फानन में विवाह किया और जदयू ने उनकी पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया. कविता सिंह के विधायक व सांसद बनने में अजय सिंह की ताकत का भी एक अहम किरदार रहा है. इस बार अजय सिंह खुद उम्मीदवार हैं.

हालांकि, जदयू के साथ चल रही भाजपा के स्थानीय नेताओं ने श्री सिंह की उम्मीदवारी का विरोध किया था. दशहरे बाद चुनावी गहमागहमी बढ़ेगी. राजद ने उमेश कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. उमेश कुमार सिंह को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का करीबी माना जाता है.

दरौंदा में जदयू की बढ़ी ताकत
2015 के विस चुनाव में जब, महागठबंधन की धूम थी, उस समय भाजपा के उम्मीदवार जितेंद्र स्वामी जदयू की कविता सिंह से 13 हजार मतों से पराजित हुए थे. इस समय जदयू के साथ राजद व कांग्रेस की भी ताकत थी. कविता सिंह को 66078 वोट मिले. जबकि, दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के जितेंद्र स्वामी को 52933 वोट आये. 2015 के चुनाव में भाजपा के साथ लोजपा व रालोसपा व हम पार्टियां थी.लेकिन लोस चुनाव में जदयू उम्मीदवार की ताकत में इजाफा हुआ. सीवान की सीट जदयू को मिली. सीवान लोस के तहत आने वाले दरौंदा विस क्षेत्र में कविता सिंह को 79647 वोट मिले. जबकि, राजद की उम्मीदवार हिना शहाब को 52660 वोट आये. इससे साफ होता है कि दरौंदा में जदयू की ताकत बढ़ी, पर राजद भी अपने वोटरों को गोलबंद किये रखने में करीब-करीब सफल रहा.

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